हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बीकेटी एसडीएम ने नही हटवाया कब्जा अदालत ने राज्य सरकार के वकील से जानकारी की तलब
लखनऊ ब्यूरो।हाईकोर्ट की लखनऊ खण्ड पीठ ने एक आदेश देते हुए राज्य सरकार से जानना चाहा है कि सरकारी व सुरक्षित जमीनों पर कथित भूमाफियाओं के कब्जे क्यो नहीं हटाये जा रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश देने के बावजूद भी एक मामले में एसडीएम, बख़्शी का तालाब द्वारा सरकारी जमीन से कब्जा व निर्माण न हटवाए जाने पर अदालत ने सीधे राज्य सरकार के वकील से जानकारी तलब की है।
पूछा है कि वह 18 दिसम्बर को अदालत को बताएं कि कोर्ट के आदेशों का पालन अभी तक क्यों नहीं किया गया ? यह आदेश न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की पीठ ने इंसाफ संस्था की ओर से अधिवक्ता मोती लाल यादव द्वारा दायर एक अवमानना याचिका पर दिए है । अवमानना याचिका दायर कर याची ने हाईकोर्ट द्वारा गत 9 अगस्त को जनहित याचिका पर दिए गए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इन आदेश में कोर्ट ने एसडीएम बख़्शी का तालाब प्रफ्फुल कुमार त्रिपाठी (तत्कालील) को कहा था कि कानून के तहत एसडीएम तहसील बख़्शी का तालाब के ग्राम सभा दसौली के गाटा संख्या 9 व 12 आदि पर हुए अवैध कब्जा हटाने की कार्रवाई करे।
जनहित याचिका में यह भी कहा गया था कि यह भूमि सरकारी है इस पर पहले भी तहसीलदार ने बंजर व समाधि दर्ज होने तथा इस भूमि को सरकारी होने का आदेश दिया है। जनहित याचिका पर सुनवाई के समय आरोप लगाया गया कि वहीं के एक निवासी ने कब्जा कर रखा है , जबकि यह भूमि सरकारी है । हाईकोर्ट ने 9 अगस्त को विस्तृत आदेश जारी करते हुए एसडीएम को आदेश दिए थे कि वह कानून के तहत कारवाई करें।
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याची के अनुसार तीन महीने बीत जाने के बावजूद भी एसडीएम ने कार्रवाई नही की तो याची ने अवमानना याचिका दायर की । जिसमे आरोप लगाया गया कि अदालत के आदेशों का पालन एस डी एम प्रफ्फुल कुमार त्रिपाठी ने जानबूझकर नहीं किया । हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के बाद अपर मुख्य स्थाई अधिवक्तता से मामले की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने को कहा है । अदालत ने मामले की अगली सुनवाई 18 दिसम्बर को नियत की है ।