डेस्क : दरभंगा के डीएमसी ऑडिटोरियम में दो दिवसीय बैपकॉन सम्मेलन की शुरूआत हुई. बतौर मुख्य अतिथि डॉ जगदेव शर्मा, डॉ केएम दुबे व डॉ अर्जुन प्रसाद व अन्य अतिथियों ने कार्यक्रम का उदघाटन दीप जलाकर किया. इसके पूर्व आगत अतिथियों का स्वागत पारंपरिक तरीके से किया गया.
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दरभंगा मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में बैपकॉन- 2020 की शुरूआत की गयी. इसमें देश के जाने माने- दर्जनों पैथोलॉजिस्ट व माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने एक मंच पर उपस्थित होकर अपने- अपने विषयों पर व्याख्यान दिया.
नार्थ मेडिकल कॉलेज से आये डॉ विद्युत गोस्वामी ने थैलेसीमिया रोग के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने कहा भारत में अक्सर शादी करने से पहले लड़के और लड़की की कुंडली मिलाई जाती है, कुंडली मिलने पर शादी कर दी जाती है. थैलेसीमिया से बचने के लिए शादी से पहले लड़के और लड़की की स्वास्थ्य कुंडली मिलानी चाहिए, जिससे पता चल सके की उनका स्वास्थ्य एक दूसरे के अनुकूल है या नहीं. स्वास्थ्य कुंडली में थैलेसीमिया, एड्स, हेपेटाइटिस बी और सी, आरएच फैक्टर इत्यादि की जांच कराना चाहिए. आज विज्ञान इतना आगे बढ़ चूका है. जागरूक रहकर हम थैलेसीमिया जैसे कई खतरनाक बिमारियों से खुद को बचा सकते हैं. इसमें जरा सी लापरवाही बरतने पर पुरे जिंदगी को बर्बाद कर सकती है.
मौके पर डॉ शर्मा ने कहा कि इस तरह के आयोजन से मरीजों व जुनियर चिकित्सकों को फायदा मिलता है. सम्मेलन के आयोजन से देश भर में आधुनिक चिकित्सा व्यवस्था से लोग रू-बरू होते हैं. इसके अलावा डॉ कुमार शौरभ, डॉ श्रीकांत भारती, डॉ विद्युत गोस्वामी, डॉ कौशल के प्रसाद, डॉ परमल अग्रवाल, डॉ पुनम बदानी, डॉ उमा नाहर, डॉ अनिता तलेहान व डॉ बिपिन कुमार, डॉ अजित कुमार चौधरी चिकित्सकों ने सांइटिफिक शेसन में अपने विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया.
मौके पर अधीक्षक डॉ आरआर प्रसाद, डॉ रंजन कुमार राजन, डॉ सुदय कुमार सिंह, डॉ आर एस प्रसाद, डॉ बीएन ठाकुर आदि मौजूद थे.