21 अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अब विभिन्न धाराओं के अधीन कार्रवाई की जाएगी।
राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सोनभद्र के उम्भा व सपाही गांव में धोखाधड़ी कर भूमि कब्जा करने के दोषी अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई तय कर दी है। इनसे ब्याज समेत 1 करोड़ 9 लाख 90 हजार 26 रुपये की वसूली होगी। 21 अधिकारियों, कर्मचारियों व अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध आरोप प्रमाणित पाए जाने पर अब विभिन्न धाराओं के अधीन कार्रवाई की जाएगी।
दायित्व निर्वहन में उदासीन रहे 21 अन्य अधिकारियों, कर्मचारियों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के भी आदेश दिए गए हैं। असल में पिछले साल जुलाई में सोनभद्र में जमीन विवाद में नरसंहार हुआ था । तब सरकार ने बड़ी करवाई करते हुई डीएम व एसपी को हटा दिया था। दर्जन भर से ज्यादा अन्य ऑफिसर्स पर कार्रवाई हुई थी। इस नरसंहार में 10 आदिवासी मारे गये थे।
उभ्भा मामले में प्रमुख सचिव राजस्व रेणुका कुमार की जांच रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने तत्कालीन उपजिलाधिकारी घोरावल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। क्षेत्राधिकारी घोरावल के खिलाफ भी सरकार ने कठोर कदम उठाए और पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाने के लिए उन पर गुंडा एक्ट व आपराधिक वाद दर्ज करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे।
सरकार ने तत्कालीन एएसपी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे। आदर्श कृषि सहकारी समिति उभ्भा के प्राथमिक 12 सदस्यों में से जीवित सदस्यों के खिलाफ ग्राम सभा की भूमि हड़पने के लिए आईपीसी की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया था। सरकार ने तत्कालीन एसडीएम, प्रभारी निरीक्षक घोरावल और तत्कालीन क्षेत्राधिकारी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए थे।