राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण देश-विदेश से गांव आए श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर ही कृषि व कृषि आधारित उद्योगों में रोजगार दिलाने की कोशिऐं की जाए।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के संक्रमण व लॉक डाउन में जहां सभी कल-कारखाने व उद्योगों को बन्द रखा गया वहीं किसानों को साग-सब्जी, दूध व अन्य उत्पादों को बेचने की छूट दी गई, ताकि सप्लाई चेन अनवरत बनी रहे। श्री शाही राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी-2020 के अवसर पर बोल रहे थे। गोष्ठी का आयोजन राजधानी स्थित योजना भवन के एनआईसी सेन्टर में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया गया था। जिसकी अध्यक्षता कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने की। कृषि मंत्री ने कहा कि अबकि खरीफ सीजन में मानसून के सामान्य रहने की सम्भावना है। समय से वर्षा प्रारम्भ हो जाने पर कोविड-19 के प्रकोप को ध्यान में रखकर सभी फसलों की बुवाई अथवा रोपाई समय से कर ली जाए। उन्होंने कहा कि खाद्यान्न तथा तिलहनी फसलों के उत्पादन का लक्ष्य 235.15 लाख टन तय किया गया है। उन्होंने कहा कि संकर प्रजाति के बीजों विशेषकर धान, मक्का, बाजरा आदि के प्रयोग को भी प्रोत्साहित किया जाए, ताकि अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। साथ ही यह भी कहा कि सभी पात्र कृषकों को किसान क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराकर ऋण की व्यवस्था हो तथा फसल बीमा से आच्छादित कराया जाए, ताकि विपरीत मौसम या दैवी आपदा की स्थिति में उन्हें फसल बीमा का लाभ मिल सके। कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि हमारा पहला उद्देश्य किसान को खुशहाल व उसकी आमदनी बढ़ाना है, उपज को बाजार तक लाना आज की आवश्यकता है। कोविड-19 महामारी के कारण बाहर से लौटकर श्रमिक अपने गांव में आए हैं उन्हें रोजगार दिलाकर उनकी श्रमशक्ति का उपयोग करके प्रदेश को बेहतर, श्रमिकों को खुशहाल व आत्मनिर्भर बनायें।