डॉ एस बी एस चौहान की रिपोर्ट चकरनगर/इटावा। थाना क्षेत्र भरेह के अचरौली घने जंगल में अज्ञात कारणों से भीषण आग लगी वन सम्पदा को हुआ भारी नुकसान।
मिली जानकारी के मुताबिक थाना क्षेत्र भरेह के गांव अचरौली और गनेश पुरा के बीच में अज्ञात कारणों के चलते भीषण आग लग जाने से जंगल में खड़ी वन संपदा को भारी नुकसान बताया जा रहा है जंगल में खड़ी वेश कीमती लकड़ी जल कर हुई राख, कोई नही है देखने बाला। आखिरकार कोन है इसका जिम्मेदार है?जो नही होती आग लगने के बाद करणों की जांच और विधिक कार्यवाही! बताते चलें हर वर्ष गर्मियों में जंगलों में आग लगती है, इसका क्या कारण है, क्यों जंगल को जला कर राख कर दिया जाता है। आखिर कार जंगल में हजारों जंगली जीव भी रहते है वन सम्पदा के साथ उनको भी आपने प्रांण फालतू में ही गंवाने पड़ते है। जिम्मेदार अधिकारी क्यों नही संज्ञान लेकर वन सम्पदा को बचाने में सक्षमता दिखाते है, जहा एक तरफ सरकार लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए हजारों पेड़ पौधे लगाने में जुटी हुई हैं।
“मैंने फॉरेस्ट विभाग से पिछली अग्निकांडों की रिपोर्ट मांगी है जैसे ही रिपोर्ट आ जाती है और कोई दोषी व्यक्ति ठहराया जाता है तो उसके विरुद्ध कड़ी विधिक कार्रवाई की जाएगी”
– ब्रह्मानंद कठेरिया,उप जिलाधिकारी चकरनगर
वही जंगल में वेशकीमती लकड़ी कुछ ठेकेदारों के द्वारा अंधाधुंध काटी जाती है, शेष बची पर आग लगाकर नेस्तनाबूत कर दी जाती है आखिर कार क्यों नहीं जंगल की देख रेख जिम्मेदारी के साथ की जाती है। और जंगल के साथ खिलवाड़ करने वाले या यूं कहें आग लगाने वालों के विरुद्ध कठोरतम् कार्यवाही क्यों नहीं की जाती? राजस्व विभाग के अधिकारी जब जिम्मेदार वन विभाग अधिकारियों से रिपोर्ट मांगते हैं तो वह समय पर उपलब्ध नहीं कराई जाती है, आखिर इस हीला हवाली का जिम्मेदार कौन?