डेस्क। दरभंगा जिलाधिकारी राजीव रौशन ने AES/JE (चमकी बुखार) कालाजार एवं मलेरिया रोकथाम को लेकर सभी संबंधित अधिकारियों को कई निर्देश दिये है।
उन्होनें RBSK के वाहनों में जिंगल एप के माध्यम से “चमकी को धमकी” का प्रचार-प्रसार करने एवं आशा के द्वारा ग्रामीण को जागरूक करना सुनिश्चित करने के लिए सभी बी.डी.ओ एवं प्रभारी चिकत्सा पदाधिकारी को निर्देशित किया है।
उन्होने कहा कि यह जानकारी लोगों में अवश्य पहुँचनी चाहिए कि कोई भी बच्चा रात में खाली पेट नहीं सोये। रात में सोने से पहले बच्चे को भरपेट खाना जरूर खिलायें, यदि संभव हो तो कुछ मीठा भी खिलाएं।
रात के बीच में एवं सुबह उठते ही देखें कि कहीं बच्चा बेहोश या उसे चमकी तो नही। बेहोशी या चमकी दिखते ही आशा को सूचित कर तुरंत निःशुल्क 102 एम्बुलेन्स या उपलब्ध वाहन से नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र ले जाये।
आँगनवाडी केन्द्रों के पोषक क्षेत्र में छोटे बच्चों को रात्रि खीर या हलुआ को वितरण, ORS एवं पारासीटामोल की उपलब्धता एवं सेविका, सहायिका के माध्यम से मस्तिष्क जवर से बचाव हेतु “क्या करें क्या न करें” से संबंधित घोषणा-पत्र संदेश घर-घर पढ़कर सुनावें।
ध्यान देने वाली बातें –
क्या करें
01. तेज बुखार होने पर पूरे शरीर को ताजे पानी से पोछें एवं पंखा से हवा करें, ताकि बुखार 100 डिग्री से कम हो सके।
02. पारासिटामोल की गोली/सीरप मरीज को चिकित्सीय सलाह पर दें।
03. यदि बच्चा बेहोश नहीं है तब साफ एवं पीने योग्य पानी में ओ.आर.एस. का घोल बनाकर पिलायें।
04. बेहोशी/मिर्गी की अवस्था में बच्चे को छायादार एवं हवादार स्थान पर लिटाएँ।
05. चमकी आने पर, मरीज को बाएँ एवं दाएँ करवट में लिटाकर ले जाएं।
06. बच्चे के शरीर से कपड़े हटा लें एवं गर्दन सीधा रखें।
07. अगर मुँह से लार या झाग निकल रहा हो तो साफ कपड़े से पोछें, जिससे कि सांस लेने में कोई दिक्कत ना हो।
08. तेज रोशनी से बचाने के लिए मरीज की आँखों को पट्टी या कपड़े से ढ़ँके।
क्या न करें
01. बच्चे को कम्बल या गर्म कपड़ों में न लपेटें।
02. बच्चे की नाक बंद नहीं करें।
03. बेहोशी/मिर्गी की अवस्था में बच्चे के मुँह से कुछ भी न दें।
04. बच्चे का गर्दन झुका हुआ नहीं रखें।
05. चूंकि यह दैविक प्रकोप नहीं है, बल्कि अत्यधिक गर्मी एवं नमी के कारण होने वाली बीमारी है। अतः बच्चे के ईलाज में ओझा गुणी में समय नष्ट न करें।
06. मरीज के विस्तर पर ना बैठें तथा मरीज को बिना वजह तंज न करें।
07. ध्यान रहें की मरीज के पास शोर न हो और शांत वातावरण बनाये रखें।
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उन्होंने कहा कि समुचित ईलाज हेतु चिकित्सीय उपकरण व दवा का कीट सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, अनुमण्डल अस्पताल बेनीपुर, रेफरल अस्पताल, मनीगाछी एवं जाले को उपलब्ध कराने के साथ 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 02 बेड तथा उपरोक्त में 04-04 बेड तैयार रखा गया हैं, 102 एम्बुलेंस संबंधित अस्पतालों व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में कार्यरत रहने के साथ-साथ रात्रिकालीन सेवा में कार्यरत चिकित्सक प्रतिदिन सुबर 04 बजे से 06 बजे के बीच दर्पण एप्प के माध्यम से अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करेंगे।
वरीय पुलिस अधीक्षक, दरभंगा जगुनाथ रेड्डी जला रेड्डी ने निर्देश दिया कि जिले के सभी थाना प्रभार, पंचायत प्रतिनिधि आदि मस्तिष्क ज्वर की रोकथाम के लिए माईकिंग के माध्यम से इसका प्रचार-प्रसार करावें तथा ओ.आर.एस. घोल सभी वांछित लोगों तक पहँचावें।
जिलाधिकारी ने कालाजार मरीज पाये जाने वाले जिले के 16 प्रखण्डों के 55 गाँव में कुल 03 लाख लक्षित जनसंख्या को प्रथम चक्र में कालाजार उन्मूलनार्थ एस.पी. दवा छिड़काव करने का निर्देश दिया।
उन्होंने इसके अलावा नमी वाले स्थान, मवेशी के साथ रहने वाले लोगों के घरों में, सभी कमरों, शौचालयों, गौशाला में छिड़काव करने लोगों को मच्छरदानी का नियमित प्रयोग करने हेतु प्रचार-प्रसार करवाने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर प्रखण्ड एवं जिला स्तर पर रैली, क्वीज प्रतियोगिता, निबंध लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता आदि का आयोजन कर मलेरिया के बचाव एवं रोकथाम हेतु लोगों को जागरूक करने, मलेरिया जाँच कैम्प का आयोजन करने के साथ-साथ सभी प्रकार के चिकित्सा पदाधिकारी अपने क्षेत्र के आशा के माध्यम से सभी मतदाता को लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 में मतदान करने हेतु जागरूक करने का निर्देश दिया।