राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि आज का युवा ही कल का भविष्य है, वही परिवर्तन का अग्रदूत बनता है लेकिन भाजपा की कुनीतियों के चलते उसके सपने तोड़े जा रहे हैं। देश की युवा शक्ति को गुमराह करने के लिए भाजपा सरकारें तमाम साजिशें कर रही हैं।
अखिलेश ने कहा कि ऐसी परिस्थितियां पैदा की जा रही हैं कि नौजवान शिक्षा और रोजगार से वंचित रहे। इसके लिए प्राथमिक तौर पर विश्वविद्यालयों को निशाना बनाया जा रहा है। भाजपा सरकार लखनऊ, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर के विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों को निष्क्रिय बनाने के साथ वहां शैक्षिक अव्यवस्थाओं पर उंगली उठाने वाले छात्र-छात्राओं को फर्जी मुकदमों में फंसा रही है। उनके शैक्षिक जीवन को बर्बाद करने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर छात्र-छात्राओं को जेल की यातनाएं दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ लोकतंत्र की नर्सरी के तौर पर काम करते रहे हैं। देश के तमाम बड़े नेता, प्रशासक, शिक्षाविद और चिकित्सा सहित विविध क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन्हीं की देन हैं। लोकतंत्र का पहला पाठ यहीं पढ़ा जाता है।
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छात्रसंघों के पीछे स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर कई बुनियादी मुद्दों पर संघर्ष का स्वर्णिम इतिहास रहा है। भाजपा सरकार ने लिंगदोह समिति की सिफारिशों का बहाना लेकर विश्वविद्यालयों में छात्रसंघों के अस्तित्व को ही समाप्त करने का काम कर रही है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ का इतिहास 97 वर्ष पुराना है। नारायण दत्त तिवारी, हेमवती नंदन बहुगुणा से लेकर संसदीय विशेषज्ञ सुभाष कश्यप यहीं की देन है।
उन्होंने कहा कि छात्रसंघ लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं। एक आम छात्र भी छात्रसंघ की सीढ़ियां चढ़कर सर्वोच्च पदों तक की छलांग लगाने का अवसर पाता है। भाजपा उसकी प्रगति पर रोकना चाहती है। संसद से सड़क तक अभी एक सप्ताह भी नहीं गुजरा है जब लोकतंत्र की दुहाई देने वाले आपातकाल की चर्चा कर रहे थे। छात्रसंघों पर प्रहार लोकनायक जयप्रकाश नारायण के सपनों को भी तोड़ना है। युवा शक्ति की ताकत पर ही लोकनायक ने सम्पूर्ण क्रांति का सपना संजोया था।
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