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अख़्तर इमाम ने 2 हाथियों को लिख दी सारी सम्पत्ति, कहा – जानवर से ज्यादा इंसान खूंखार

पटना/जानीपुर से बिक्कु कुमार का रिपोर्ट : केरल में हाथी के साथ हुई घटना के बाद से हाथी काफी चर्चा में है। केरल में जहा हाथी को पटाखा से भरा अनानास खिला कर मार दिया गया है वहीं पटना में एक युवक ने अपने दो हाथियों के नाम अपनी सारी सम्पत्ति कर दिया है। जिसका भी काफी चर्चा हो रहा है।

पटना जिला के जानीपुर थाना क्षेत्र के मिर्गियाचक गाव निवासी अख़्तर इमाम ने दो हाथी पाल रखे है जिसका नाम मोती और रानी है। अख़्तर इमाम ने दोनों हाथियो के लिए अपने पूरे परिवार को त्याग दिया है। इनका एक बेटा भी है जो बड़ा अपराधी है।

आपको बता दें कि जानीपुर थाना क्षेत्र के अख़्तर इमाम जानवरो का बहुत बड़ा विशेषज्ञ है। आज अख़्तर इमाम ने बताया कि हमें हाथियों के बारे में पूरी जानकारी है जिसको जो पूछना है पूछ सकते है। उन्होंने बताया कि हाथी के कारण ही मेरा परिवार, बेटा सभी लोग मेरा दुश्मन बन बैठे है लेकिन मै मरते दम तक हाथी का साथ नहीं छोडूंगा। चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाए। अख़्तर इमाम ने आंख में आशू भरे हुए बताया कि मेरे ऊपर हाथी के कारण ही तस्करों ने कैक बार हमला भी किया है लेकिन हमें कुछ नहीं हुआ। एक बार तो मै और मेरी टीम एक हाथी का इलाज करने रानी सागर जंगल में गया था जहा पर तस्करों ने हमलोगो पर जानलेवा हमला किया लेकिन मेरा मोती (मेरा हाथी) ने हमलोग का जान बचाया। लेकिन सरकार के तरफ से आज तक हमे कोई सुरक्षा नहीं दिया गया है पता न कब मेरी या मेरे हाथी का हत्या हो जाएगी बता नहीं सकते है जब अपना बेटा ही मेरा दुश्मन बन बैठा है तो दूसरे की क्या कहा जाए। आप कितने दिनों से हाथी का सेवा कर रहे है पूछे जाने पर बताया कि जब में 10 वर्ष का था तभी से मै हाथियों का सेवा करना चालू किया और हाथियों का पूरा पढ़ाई भी किया है। अगर कोई हाथी जख्मी हो जाती है तो हमें वन विभाग के तरफ से सूचना दिया जाता है जिसके बाद हम घायल हाथी का इलाज करने पहुंचते है और बिना कोई शुल्क लिए हाथी का इलाज करते है।

अख़्तर इमाम के घर पहुंचे तो उन्होंने बताया कि कोई भी जानवर हो बिना कोई गलती के कुछ नहीं करता है। आज हम ये 20 वर्षों से ये हाथी रखे हुए है लेकिन आज तक मेरी कोई नुकसान नहीं पहुंचाई है यहां तक कि मेरा जान ही बचाया है। अख़्तर इमाम की कहानी ही निराली है उनके बेटे ने अपनी ही प्रेमिका का दुष्कर्म का आरोप लगाकर उन्हें जेल भी भिजवाया लेकिन बाद में जांच के बाद अख़्तर इमाम को बड़ी कर दिया गया। अख़्तर इमाम बताते है की मेरा बेटा मेराज बड़े बड़े तस्करों से मिल कर हाथी बेचवाने का कोशिश किया लेकिन वो पकड़ा गया। आज जेल के अंदर से ही अपनी अपराधिक दुनिया को चला रहा है और हम पर अनगिनत बार अटैक करवाया। उनसे पूछा गया कि आप सरकार से मदद की गुहार क्यों नहीं लगाते है तो उन्होंने बताया कि कई बार सरकार से अपनी सुरक्षा और हाथी की सुरक्षा को लेकर गुहार लगाया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुआ है। अपनी पूरी सम्पत्ति हाथी के नाम कर दिया हूं अगर हाथी नहीं रहा मेरे परिवार को कुछ नहीं मिलेगा। उन्होंने बताया कि मै एरावत संस्था का मुख्य प्रबंधक भी हूं अगर खुदा न खाश हाथी मर जाता है तो पूरी सम्पत्ति एरावत संस्था का हो जाएगा।

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