डेस्क। चैती दुर्गा पूजा अर्थात वासंती नवरात्र आगामी नौ अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से आरंभ हो रही है. इसे लेकर तैयारी की गति तेज हो गयी है. सार्वजनिक पूजा पंडालों में शक्ति की अधिष्ठात्री देवी दुर्गा की आराधना के लिए मूर्तिकार एक तरफ जहां प्रतिमा को आकार देने में जुटे हैं, वहीं दूसरी ओर नवरात्र आरंभ होने की तिथि निकट आने के साथ साज-सज्जा का काम भी शुरू हो गया है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, जिसमें विशेषकर मिथिला क्षेत्र में शारदीय नवरात्र एवं वासंती नवरात्र में भगवती की आराधना की जाती है. शारदीय नवरात्र जैसी धूम चैती नवरात्र में तो नहीं रहती, लेकिन शहर में दर्जन भर से अधिक स्थलों पर सार्वजनिक पूजा-अर्चना प्रतिवर्ष की जाती है. इस वर्ष भी इसकी तैयारी चल रही है. भगवती दुर्गा का इस बार आगमन घोड़े पर हो रहा है. जानकार बताते हैं कि यह अच्छा संकेत नहीं है.
कलश स्थापन के साथ नवरात्र आरंभ होगा. इस वर्ष किसी भी तिथि का इस नवरात्र में लोप नहीं है यानी भगवती के सभी नौ स्वरूपों का अलग-अलग तिथियों में पूजन किया जायेगा.
इस नवरात्र में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपवास रखते हैं. अपने घरों में पूजा- अर्चना करते हैं. लिहाजा इसकी तैयारी में श्रद्धालु जुटे हैं. शहर के हसनचक स्थित लक्ष्मीश्वर पब्लिक लाइब्रेरी परिसर में मूर्तिकार प्रतिमा को आकार दे रहे हैं. तिथि नजदीक आने के साथ इसकी गति तेज हो गयी है. वहीं बिहार के दरभंगा में चुनाभट्ठी, चट्टी चौक, कोतवाली चौक, बंगलागढ़ तारालाही, अललपट्टी समेत दर्जन भर से अधिक स्थलों पर शहरी क्षेत्र में पूजन की तैयारी है. ग्रामीण इलाकों में भी जगह-जगह चैती नवरात्र धूमधाम से संपन्न करने में श्रद्धालु जुटे हैं.