चकरनगर (इटावा), क्या चकरनगर का प्रदूषित हो रहा वातावरण सुधरेगाःऔर हां चकरनगर की सड़कों की भी दुर्दशा होने से बचेगी? हां ऐसा प्रतीत हो रहा है योगी सरकार में प्रतिनिधित्व करने वाली महिला विधायक ने उठाया है बीड़ा, कि अब नहीं होगा अवैध खनन यूं कहें कि अपराधों पर नियंत्रण करने वाली पुलिस की आंखों पर ऐसी गांधारी पट्टी बांध दी गई है की अवैध खनन कहां कहां पर हो रहा है परिवहन कहां से हो रहा है इसे रोका कैसे जाए इस पर कोई खास अमल नहीं हो रहा था बल्कि हो यह रहा था कि यूं कहें कमीशन देकर गांधारी पट्टी पर इतनी मशक्कत लगा दी जाती थी कि सामने से आने वाली रोशनी दिखाई ही न पड़े ट्रक, ट्रैक्टर, लोडर, आदि क्या कहें मोटरसाइकिलों पर भी अवैध मोरम /बालू ढोई जा रही थी।
आज करीब सात ट्रकों को सीज कराया गया। इन सारी बातों पर योगी सरकार में भरथना विधानसभा से प्रतिनिधित्व करने वाली महिला विधायका ने कैसे यह बीड़ा उठाया कि ना अवैध खनन होगा और ना अवैध परिवहन हुआ। यह मामला विधायिका जी ने संज्ञान कैसे लिया जनता की मांग पर, ड्राइवरों की आपबीती सुनने के बाद या फिर योगी के दिशा निर्देशन पर? फिलहाल जो भी हो, इस कार्यवाही से जहां एक तरफ अवैध खनन के धंधे में जुड़े अधिकारियों, कर्मचारियों, नेताओं, दलालों, ड्राइवरों आदि आदि में भारी हड़कंप मचा हुआ है कि अब विधायक जी की क्रोध भरी निगाहों पर पर्दा कैसे डाला जाए या इन्हें कैसे रोका जाए कौन समझाने के लिए उनके सामने जाए? यह आपस में भयावनी स्थिति बनी हुई है।आईएएस इंद्रजीत सिंह ने मौके पर क्षेत्राधिकारी पुलिस बैजनाथ सिंह भरथना, आरटीओ/ पीटीओ इटावा, थानाध्यक्ष बकेवर प्रमोद शुक्ला, थानाध्यक्ष लवेदी देवेंद्र सिंह आदि को मौके पर बुलाकर कुछ ट्रकों को थाना बकेवर की परिधि में और कुछ ट्रकों को लवेदी थाने की परिधि सीज कर दिया गया है।अग्रिम कार्यवाही भी चल रही है।
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सूत्रों की मानें तो जो पुलिस परिवहन मार्गों से संबंधित है वहां पर सब फिट फॉर हैं खनन माफियाओं की और लिप्त लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है और जो पुलिस अधिकारी या कर्मचारी कार्यवाही में रोड़ा डालते हैं या यह कार्य होने से अपनी सहमति नहीं दिखाते हैं तो उन पर विभागीय दबाव बनाकर उन्हें या तो चुप रहने के लिए कह दिया जाता है फिर भी ना मानने पर विभागीय कार्यवाही भी कर दी जाती है। क्षेत्रीय जनता का मानना है कि इस आज की हुई कार्यवाही से तहसील के मुखिया आईएएस इंद्रजीत सिंह की कलम को ताकत प्राप्त हुई है जिससे उनका मनोबल शायद और बढ़ गया होगा ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं।