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बिहार :: महाराजा कामेश्वर सिंह की 110वीं जयंती पर हुआ कार्यक्रम का आयोजन

picsart_11-23-08-52-18-250x150दरभंगा : कासिदसंविवि के दरबार हाॅल में मंगलवार को महाराजा कामेश्वर सिंह की 110वीं जयंती मनायी गई. मुख्य अतिथि सहित उपस्थित अतिथियों ने महाराजा की तस्वीर पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की.आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डा. उपेंद्र झा ने कहा कि महाराजा सर कामेश्वर सिंह धर्म, कर्म व विद्या के आश्रय दाता थे. उन्होंने मिथिला में संस्कृत संस्था का निर्माण किया.प्राच्य विद्यालय के प्रचार-प्रसार के लिए वे जीवन पर्यंत कार्य करते रहे.उन्होंने कहा कि महाराजा हम लोगों को इन संस्कृत संस्थानों को पल्लवित व पुष्पित करने का भार सौंप गये हैं. मिथिला के लोगों को सतत इस बात को याद रखना चाहिए.अगर हम सब संकल्पित होकर इस ध्येय को लेकर आगे बढ़े तो तो संस्कृृत का विकास होगा. कुलपति डा. नीलिमा सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा कि काशी हिंदु विवि के प्रथम प्रतिकुलपति थे डा. कामेश्वर सिंह. आगामी 6 दिसंबर को विवि में महाराजा की प्रतिमा का अनावरण कुलाधिपति करेंगे.इसी दिन से विवि में दो दर्जन व्यवसायिक पाठयक्रम प्रांरभ होनेवाले हैं.कुलपति डा. सिन्हा ने कहा कि संस्कृत शिक्षा पुनसंरचनावाद की अपेक्षा करती है. हमें संस्कृत विद्या को संदर्भ से जोड़कर देखने की जरूरत है. समय के साथ चलना ही होगा. लनामिविवि के मानविकी संकायाध्यक्ष डा. रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि महाराजा के अवदान से ही यहां संस्कृत का संब‌र्द्धन हो रहा है. उन्होंने इस मौके पर विवि में एक विस्तृत कार्यक्रम करने की बात कही. डा. चंद्रभानू प्रसाद सिंह ने कहा कि महाराजा का ध्येय प्राच्य विद्या का विकास करना था.टोल विद्यालय का प्रारंभ इन्होनें ही करवाया था. आज भी प्राच्य विद्या का संरक्षण टोल विद्या से ही संभव है. वर्तमान में तो इस विद्या के लिए भजन कम और हरि बोल अधिक होता है. डा. शशिनाथ झा ने कहा कि यदि महाराजा दान नही दिया होता तो एक कैंपस में दो दो विवि नहीं होते. डा. लक्ष्मी नाथ झा ने कहा कि राजा पद के अधिकारी क्षत्रिय होते थे. ब्राह्मणों की परम्पराओं डा. महेश ठाकुर से इसकी शुरूआत हुई. महाराजा कामेश्वर सिंह ने देश भर के शिक्षण संस्थाओं की सहायता की डा. शिवा कांत झा ने कहा कि महाराजा का योगदान वैश्विक स्तर पर अतुलनीय है. मौके पर पं. कमला कांत झा, मदन प्रसाद राय, कुणाल कुमार झा आदि ने विचार रखे. संचालन अध्यक्ष छात्र कल्याण डा. श्रीपति त्रिपाठी व स्वागत संबोधन कुलसचिव डा. सुरेश्वर झा ने किया. राष्ट्रगान के बाद समारोह पर विराम लगा. मौके पर शिक्षक, छात्र व कर्मचारीगण मौजूद थे.

picsart_11-23-08-50-05-250x150दरबार हाॅल में आयोजित कार्यक्रम से पूर्व मंगलवार की सुबह में महाराजा कामेश्वर सिंह की जयंती पर कामेश्वरी श्याम मंदिर में पूजा अर्चना कर महाराजा को श्रद्धांजलि दी गई.

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