बुलंदशहर हिंसा : लाठीचार्ज पर भड़की भीड़, सीओ सहित पुलिसकर्मियों को जिंदा जलाने की कोशिश
राज प्रताप सिंह(उत्तर-प्रदेश राज्य प्रमुख) बुलंदशहर।उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना कोतवाली क्षेत्र के महाव गांव में गोकशी की सूचना पर हुए बवाल में स्थानीय चिंगरावठी चौकी की पुलिस सबसे पहले पहुंची। इसके बाद इंस्पेक्टर स्याना भी आ गए। बताया जा रहा है कि भीड़ के काबू न होने पर इंस्पेक्टर ने लाठीचार्ज करा दिया। इस पर भीड़ बेकाबू हो गई। भीड़ ने चिंगरावठी पुलिस चौकी के भीतर ही सीओ सहित अन्य पुलिसवालों को बंधक बना लिया और बाहर से आग लगा दी। बैरक का रोशनदान तोड़कर सीओ सहित अन्य पुलिसवाले बाहर निकले। वरना आगजनी और भीषण हो सकती थी।
महाव गांव में पुलिस को सुबह सात बजे सूचना मिली कि कुछ गोवंश का कटान हो गया है। इस सूचना पर चिंगरावठी पुलिस चौकी से सब इंस्पेक्टर सुरेश चंद और कुछ पुलिसवाले पहुंचे। उन्होंने भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लेकिन भीड़ कटे हुए गोवंश को ट्रैक्टर-ट्रॉली में रख रही थी। उनका प्लान ट्रैक्टर-ट्रॉली को हाईवे की ओर ले जाने का था।
हंगामा बढ़ने की सूचना पर स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह आ गए। हालात न संभलते देख स्याना कोतवाल ने लाठीचार्ज का आदेश कर दिया। इसके बाद भीड़ और बेकाबू हो गई। भीड़ ने गोवंश से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली को महाव से दो किलोमीटर दूर स्टेट हाईवे पर चिंगरावठी पुलिस चौकी के सामने ले आई और रास्ता जाम कर दिया। पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज किया तो भीड़ ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया।
पुलिस चौकी में स्याना सीओ सत्यप्रकाश शर्मा सहित दर्जनभर पुलिसवाले बैठे हुए थे। लाठी-डंडों और पत्त्थरों से लैस ग्रामीणों ने पुलिसवालों की जमकर पिटाई की। सीओ को जमकर थप्पड़ मारे। भीड़ ने पुलिस चौकी का गेट बंद करके बाहर से आग लगा दी। सीओ और अन्य पुलिसवाले बैरक में अंदर ही फंस गए। उन्होंने बैरक का लोहे का रोशनदान तोड़ा और रास्ता बनाकर पीछे की ओर कूदकर अपनी जान बचाई। सीओ ने बताया कि यदि वह पीछे की तरफ दीवार तोड़कर नहीं कूदते तो शायद ये पुलिसवाले भी मारे जाते।
पुलिसवालों ने कॉलेज में घुसकर बचाई जान
आक्रोशित भीड़ जब पुलिस चौकी की तरफ बढ़ी तो सीओ स्याना सहित कुछ पुलिसवाले चौकी की बैरक में घुस गए, जबकि शेष पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के बराबर में स्स्थित दिलावरी देवी कन्या पीजी कॉलेज में घुसकर जान बचाई। इन पुलिसवालों ने कॉलेज में घुसकर लोहे का बड़ा गेट बंद कर लिया, जिसके बाद भीड़ अंदर नहीं घुस पाई।