राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो।
उत्तर प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है। बजट 18 फरवरी को पेश किया जाना है। इस बार बजट का आकार करीब पांच से सवा पांच लाख करोड़ रुपये के करीब होने का अनुमान है।
बजट सत्र शुरू होते ही विधानसभा परिसर में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के भाषण के दौरान विपक्ष ने सीएए-एनआरसी और कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर जोरदार प्रदर्शन किया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में कहा कि उनकी सरकार राम राज्य की परिकल्पना को साकार करने के लिए प्रदेश के सर्वांगीण विकास करने के लिये संकल्पित है। इसके बाद विपक्ष के नेताओं ने पलटवार करना शुरू कर दिया।
सपा विधानमण्डल दल के नेता राम गोविंद चौधरी ने कहा कि राज्यपाल का अभिभाषण झूठ का पुलिंदा था। प्रदेश में प्रतिदिन महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, कानून व्यवस्था ठप है। सीएए देश विरोधी है, महिलाएं शांति से प्रदर्शन और धरना दे रही हैं और सरकार उनका उत्पीड़न कर रही है। 0L
राज्यपाल महिला हैं और वह महिलाओं की ही नहीं सुनती। प्रदेश में महिलाओं पर लाठीचार्ज हो रहा है। इस सरकार को बर्खास्त करना चाहिए। प्रदेश सरकार ने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन तीन सालों का लेखा जोखा विभाग तैयार कर रहे हैं। प्रदेश की जनता की अन्य दिक्कतों को दूर करने के लिए 2020-21 के नए बजट में अधिक ध्यान दिए जाने की उम्मीद है। बताया जाता है कि बजट जनता की सुविधाओं और सेवाओं के करीब रहेगा। प्राथमिक शिक्षा में सुधार तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने पर अधिक जोर इस बार के बजट में दिया जा रहा है।
इसी प्रकार पूर्वांचल और बुंदेलखंड के पिछड़नेपन को दूर करने का इंतजाम भी बजट में किया जा रहा है। बताया जाता है कि पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार इन दोनों क्षेत्रों को विशेष पैकेज के तहत अधिक धनराशि दिए जाने की तैयारी है। चालू बजट में पूर्वांचल को 300 करोड़ रुपये दिए गए थे जबकि बुंदेलखंड के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस बार यह राशि बढ़ने की उम्मीद है।
बजट के माध्यम से प्रदेश सरकार ने वाराणसी, मथुरा और अयोध्या के लिए नई योजनाएं शामिल किए जाने की चर्चाएं हैं। इन तीनों पर्यटन व धार्मिक शहरों के विकास के लिए नये पैकेज दिए जा सकते हैं।