राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: राज्य सरकार ने अहमदाबाद नगर निगम की तर्ज पर बुनियादी सुविधाओं के लिए लखनऊ नगर निगम को 200 करोड़ और गाजियाबाद नगर निगम को 150 करोड़ रुपये का बॉण्ड जारी करने की अनुमति दे दी है। दोनों नगर निगम सेबी की गाइड लाइन के आधार पर एक माह में बॉण्ड जारी करेंगे।
राज्य सरकार इस बॉड पर कोई गारंटी नहीं देगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। प्रमुख सचिव नगर विकास मनोज कुमार सिंह ने कैबिनेट फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि दोनों नगर निगम 10 साल के लिए बॉण्ड जारी करेंगे। इस पर साढ़े 8 से 9 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। लखनऊ नगर निगम को बॉण्ड से मिलने वाले पैसे से जलापूर्ति और सीवरेज का काम कराया जाएगा। गाजियाबाद में सीवरेज के साथ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा।
- पल्स पोलियो अभियान 21 तक, एक भी बच्चा छूटे नहीं – सिविल सर्जन दरभंगा
- दरभंगा AIIMS भूमि अधिग्रहण मामले में नहीं दिया नोटिस, मुआवजा भी नहीं मिला
- शोभन बाईपास में एम्स निर्माण सीएम नीतीश की दुरगामी सोच – राजेश्वर राणा
- इंस्पिरेशन इम्पैक्ट अवार्ड से सम्मानित हुए एसआई अनूप मिश्रा अपूर्व
- राजेश्वर राणा ने घायल बाज का किया रेस्क्यू, प्राथमिक उपचार के बाद वन विभाग को सौंपा
ट्रीटमेंट के बाद पानी को उद्योगों को दिया जाएगा और इससे होने वाली आय का फायदा बॉण्ड लेने वालों को ब्याज के रूप में दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि बाम्बे एक्सचेंज और सेबी की गाइड लाइन के आधार पर दोनों नगर निगम बॉण्ड जारी करेंगे। इसकी देखरेख के लिए अलग-अलग दो निदेशक होंगे। शहरी विकास के लिए अवस्थापना विकास निधि से संपत्तियों की रजिस्ट्री से मिलने वाले स्टांप शुल्क के दो फीसदी में से पांच फीसदी निकायों को दिया जाता है। यह पैसा हर साल करीब 600 करोड़ रुपये होता है। नगर निगमों द्वारा बॉण्ड जारी किए जाने के बाद उनकी आय में बढ़ोतरी होगी।
उन्होंने बताया कि म्यूनिस्पिल बॉण्ड से अगर कोई नगर निगम 100 करोड़ एकत्र करता है तो केंद्र सरकार उसे इनसेंटिव के रूप में 13 करोड़ रुपये का अनुदान देगी। क्रेडिट रेटिंग में वृद्धि के लिए दो संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा।
(फेसबुक पर Swarnim Times स्वर्णिम टाईम्स लिख कर आप हमारे फेसबुक पेज को सर्च कर लाइक कर सकते हैं। TWITER पर फाॅलों करें। वीडियो के लिए YOUTUBE चैनल को SUBSCRIBE करें)