जाले। पूर्व मंत्री एवं वर्तमान विधायक श्री जीवेश कुमार ने कहा कि देश का निर्माण शिक्षकों के कार्यों से होता है क्योंकि शिक्षक चरित्र निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण आधार हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक अपने छात्रों के चरित्र निर्माण में तभी सफल हो सकते हैं जब वे स्वयं चरित्रवान हों। श्री कुमार ने यह बातें उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय जाले पश्चिमी में आयोजित विद्यालय प्रबंध कार्यकारिणी समिति की बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह आवश्यक है कि अभिभावक-शिक्षक बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं। ऐसी बैठकों के माध्यम से समाज के लोग शिक्षा और शिक्षक के महत्व को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों के प्रति अपने बच्चों जैसा व्यवहार करें।
श्री कुमार ने शिक्षकों को सलाह दी कि वे अपने कार्यों को व्यवस्थित करने के लिए डायरी लिखने की आदत डालें। उन्होंने डायरी लेखन को जीवन को व्यवस्थित और सफल बनाने का माध्यम बताया। इसके अलावा, उन्होंने शिक्षकों को छात्रों के अभिभावकों की सूची बनाने और उनसे समय-समय पर संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जब शिक्षक छात्रों में चरित्र निर्माण करते हैं तो समाज में असामाजिक तत्व भी उनका आदर करते हैं।
श्री कुमार ने कहा कि वर्तमान बिहार सरकार और केंद्र सरकार शिक्षा के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेंद्र ठाकुर से विद्यालय के आधारभूत संरचना के विकास के लिए विकास कोष का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को नैतिक शिक्षा अवश्य दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे छात्र अनुशासित बनते हैं।
बैठक के बाद श्री जीवेश कुमार ने विद्यालय के पुस्तकालय और कंप्यूटर लैब का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कक्षा आठ के छात्रों को गणित और विज्ञान की जानकारी प्रदान की। इस बैठक में जाले प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी प्रमोद ठाकुर, प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेंद्र ठाकुर, शिक्षक श्रवण मिश्रा, संजय कुमार, राजेश कुमार, दीपक कुमार, रश्मि कुमारी, मोहम्मद निशांत अहमद, और अन्य शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थीं।
इस बैठक ने शिक्षा में सुधार और नैतिक मूल्यों को प्रसारित करने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल की है।