पटना (संजय कुमार मुनचुन) : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवनों का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया।
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के परिसर में आयोजित कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मुझे इस बात की खुशी है कि जिस आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय की परिकल्पना 2008 में की गयी थी, उसके आज भवनों का उद्घाटन हुआ है। प्रथम वी0सी0 के रुप में प्रो0 शंभुनाथ गुहा ने इसका कार्यभार संभाला था। मार्च 2011 में पहली वर्षगांठ पर मैंने नैनो टेक्नोलॉजी पर काम करने का सुझाव दिया था, जिसका कार्य बेहतर ढंग से शुरु किया गया है। बाद में प्रति कुलपति श्री उदयकांत मिश्रा ने इस भवन का खाका तैयार किया, जिसके अनुरुप यह बिल्डिंग बनकर तैयार हुई है।
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13 अगस्त 2015 को इस बिल्डिंग का शिलान्यास हुआ था। उन्होंने कहा कि शिक्षा जगत एवं ज्ञान विश्वविद्यालय से जुड़े तमाम लोगों को इस अवसर पर आमंत्रित करने के लिए मैं धन्यवाद देता हूॅ। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार का गौरवशाली इतिहास रहा है। यह भगवान बुद्ध की ज्ञान की भूमि है, भगवान महावीर की जन्म, ज्ञान एवं निर्वाण की भूमि है। चाणक्य ने यहां अर्थशास्त्र की रचना की थी।
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15 सौ वर्ष पहले आर्यभट्ट ने यहीं खगौल एवं तारेगना को अपना कर्मक्षेत्र बनाया। उन्होंने गणित और एस्ट्रोनॉमी पर काम किया। पृथ्वी के व्यास की जानकारी दी, शून्य का आविष्कार भी किया। उन्हीं के नाम पर इस विश्वविद्यालय का नामकरण आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय किया गया है। वर्ष 2011 में ही मैंने कई और सेंटर यहां खोलने का सुझाव दिया था।
यहॉ पाटलिपुत्र स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, पत्रकारिता की शिक्षा का सेंटर एवं ज्योग्राफी के साथ-साथ रीवर सिस्टम के अध्ययन केंद्र बने। रीवर सिस्टम के लिए एन0आई0टी0 पटना में भी काम किया जा रहा है लेकिन यहां इस संबंध में विशिष्ट अध्ययन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां एक सेंटर ऑफ एस्ट्रोनॉमी भी बने, सेंटर ऑफ फिलॉसफी, सेंटर ऑफ स्टेम सेल टेक्नोलॉजी का अध्ययन केंद्र बने। पहले से चार अध्ययन केंद्र हैं और आज भी तीन की चर्चा की गयी है। परिसर में जगह की कमी नहीं है। इन सब चीजों के लिए संसाधनों की भी कोई कमी नहीं होगी। मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के अंतर्गत विधान पार्षद भी इसमें सहयोग कर रहे हैं।
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश जी ने भी इसमें अपना योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार संसाधनों के मामलों में सक्षम है लेकिन लोगों की भागीदारी और भावना को जागृत करना चाहती है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परिसर में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय का भी बिल्डिंग बनेगा। मौलाना मजहरुल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय भी यहीं बनेगा। इस विश्वविद्यालय के बगल में ही चाणक्य विधि विश्वविद्यालय है। चंद्रगुप्त इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट भी बगल में ही है। बगल में ही आज इग्नू के सेंटर का भी उद्घाटन किया गया है। निफ्ट भी पहले से इसके बगल में बनाया गया है। इन सभी संस्थानों के लिए संसाधनों, एक्सपर्ट, आईडिया की भी व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा यहां के लिए आवागमन को भी बेहतर बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय का भी रिवाईवल हो रहा है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में नैनो साइंस पर अच्छा काम हो रहा है। मैंने आज अपने कुछ व्यक्तिगत सुझाव दिए हैं, मुझे विश्वास है कि उस पर काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी के वी0सी0 जो कि डॉल्फिन मैन के रुप में प्रसिद्ध हैं, वे भी अपने विश्वविद्यालय के माध्यम से अच्छा काम कर रहे हैं। मेरा आग्रह है कि जो नालंदा ओपेन विष्वविद्यालय के लिए जगह निर्धारित है, जल्द से जल्द वहां बिल्डिंग बने। यह ओपेन विष्वविद्यालय काफी दिनों से किराए पर चल रहा है। मुझे विश्वास है कि उस आवंटित जगह पर भी खूबसूरत बिल्डिंग बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय परंपरागत विष्वविद्यालय नहीं है, यह ज्ञान विष्वविद्यालय के रुप में जाना जाए। ज्ञान के रूप में सदियों तक इसकी पहचान बनी रहे। उन्होंने कहा कि कॉनसेप्ट के अनुसार यहां शिक्षा के कार्यक्रम चलाए जाएं। यहां शिक्षा के क्षेत्र में विशिष्ट काम हों और एक मिसाल बने। उन्होंने कहा कि बिहार के गौरवशाली अतीत को फिर से हम सब प्राप्त करें, यह मेरी दिली ख्वाहिश है। मुझे ऐसा विष्वास है कि नई पीढ़ी के लोग इन सब चीजों पर मन से सोचेंगे और करेंगे।
आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय ज्ञान का केंद्र बने, जो बिहार के इतिहास के प्रति सम्मान एवं ज्ञान के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बने। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि जैसा यह भवन सुंदर दिख रहा है, वैसी ही इसकी भूमिका भी हो। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल से ही 402 नवनिर्मित शैक्षणिक भवनों का उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के पूर्व आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय में बने भवनों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में विश्वविद्यालय कुल गीत भी गाया गया। कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 अरुण कुमार अग्रवाल ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विधान पार्षद डॉ0 रणबीर नंदन, मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आर0के0 महाजन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो0 एस0एम0 करीम, नालंदा ओपेन विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 आर0के0 सिन्हा, एन0आई0टी0 के निदेशक पी0के0 जैन, मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विष्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 खालिद मिर्जा, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुल सचिव राजीव रंजन, अन्य पदाधिकारीगण सहित विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्यगण, शिक्षकगण, नागरिक परिषद के पूर्व महासचिव श्री अरविंद कुमार उर्फ छोटू सिंह सहित अन्य छात्रगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के भवनों के उद्घाटन के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मीठापुर स्थित इंदिरा गांधी मुक्त विष्वविलय केंद्र के नवनिर्मित भवन का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने उद्घाटन के बाद भवन का निरीक्षण भी किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पुस्तिका का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री का स्वागत आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 अरुण कुमार अग्रवाल ने पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के परामर्शी अंजनी कुमार सिंह, इग्नू के कुलपति प्रो0 नागेश्वर राव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा सहित इग्नू के पदाधिकारीगण उपस्थित थे।