लखनऊ ब्यूरो ( राज प्रताप सिंह ) : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार तीसरे दिन सोमवार को भी यहां पार्टी बैठकों का सिलसिला जारी रखेंगी। वहीं उनके निर्देश पर पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल से मिलने जाएगा।पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और मीडिया इंचार्ज राजीव त्यागी द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल 30 दिसम्बर को सुबह 11 बजे प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के नेतृत्व में राज्यपाल से राजभवन में मुलाकात करेगा। प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना, पूर्व केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, सांसद पी.एल. पुनिया, आचार्य प्रमोद कृष्णम और अन्य नेता शामिल रहेंगे।सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी सोमवार को वकीलों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात करेंगी। इसके अलावा पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगी।
अखिलेश व प्रियंका दंगाइयों के साथ खड़े: स्वतंत्र देव
लखनऊ ब्यूरो ( राज प्रताप सिंह ) भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने उपद्रवियों का पक्ष लेने के कारण सपा और कांग्रेस दोनों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार अखिलेश यादव दंगाइयों के मुकदमें वापस लेने की बात कह रहे हैं। इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। जब वे आंतकवादियों के मुकदमें वापस लेने का प्रयास कर सकते हैं। जिन्होंने कचहरी में बम विस्फोट कर के निर्दोषों की हत्याएं की थीं। योगी आदित्यनाथ की सरकार की विशेष पैरोकारी की वजह से अदालत ने उन्हें सजा दी है। प्रियंका कौन सा संदेश देना चाहती हैंउन्होंने कहा कि प्रियंका वाड्रा उपद्रवियों व उनके समर्थकों के घर जाकर कौन सा संदेश देना चाह रही हैं। कांग्रेस के नेता मारे गए दंगाइयों को शहीद का दर्जा देकर उन्हें मुआवजा देने की बात करते हैं। ये हमारे देश के उन शहीदों का अपमान है जिन्होंने देश के दुश्मनों से लड़ते हुए अपनी जान दी। कांग्रेस के नेता उन उपद्रवियों का समर्थन कर रहे हैं, जिन्होंने पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत तेरे टुकड़े होंगे के नारे लगाए। उपद्रवियों के मुकदमे वापस लेना सपा का मूल मंत्रउन्होंने कहा कि उपद्रवियों के मुकदमे वापस लेना समाजवादी पार्टी का मूल मंत्र हैं। इन दंगाइयों ने देश को जलाया, गोलियां चलायी, बम चलाए, पत्थर बरसाए, पत्रकारों को पीटा, उनके कैमरे तोड़े और ओबी वैन को जलाया। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर पर अखिलेश के बयान पर स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि एनपीआर कोई नई व्यवस्था नहीं है। पहले से चली आ रही है। 2011 की जनगणना से गरीबों का एक डाटाबेस तैयार हुआ था। एनपीआर 2021 में होने जा रही जनगणना का आधार बनेगा।