दरभंगा : वायरस से संक्रमित संदिग्ध मरीजों की जाँच एवं चिकित्सा करने हेतु डी.एम.सी.एच में अवस्थित नवनिर्मित बी.एस.सी. नर्सिग स्कूल के छात्रावास को अधिग्रहण किया गया है और इसे तत्काल आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया है। अब इसी भवन में कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध मरीजों को रखा जायेगा.
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जिला अधिकारी द्वारा यह कार्रवाई नोवल कोरोना वायरस (एनकोविड-19) से संक्रमित संदिग्ध मरीजों की बेहतर देखभाल एवं उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के दृष्टिकोण से किया गया है।
मालूम हो कि कोरोना वायरस बीमारी (एन कोविड-19) को एपिडिमिक डिजीज एक्ट,1897 के तहत राज्य सरकार द्वारा महामारी बीमारी में सम्मिलित कर लिया गया है। एपिडमिक डिजीज एक्ट, 1897 के तहत जिला पदाधिकारी को कोरोना वायरस के संक्रमण को नियंत्रित करने के संर्दभ में विशेष शक्तियाँ प्रदत्त है।
जिलाधिकारी दरभंगा डॉ0 त्याग राजन एस.एम द्वारा एपिडमिक डिजीज एक्ट, 1897 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए व्यापक लोकहित में डी.एम. सी. एच. परिसर में अवस्थित बी.एस.सी. नर्सिंग स्कूल के छात्रावास भवन को कोरोना वायरस से संक्रमित संदिग्ध मरीजों को रखने के लिए आइसोलेशन वार्ड के रूप में अधिग्रहण किया गया है।
जिला अधिकारी द्वारा आज अन्य अधिकारियों के साथ उक्त अधिगृहित भवन का निरीक्षण किया गया. उन्होंने डी.एम. सी.एच के प्राचार्य एवं अधीक्षक को बी.एस. सी.नर्सिंग छात्रावास में समुचित व्यवस्था करके दो दिनों के अंदर आई डी एच वार्ड में रखे गये कोरोना के सभी संदिग्ध मरीजों को नए भवन में स्थांतरित करने का निर्देष दिया है।
उन्होंने कहा कि यह भवन एनकोविड -19 बीमारी से संक्रमित संदिग्ध मरीजों की चिकित्सा के लिए बेहतर होगा. इस भवन में एक साथ 100 से अधिक मरीजों को रखा जा सकेगा।
मालूम हो कि वर्तमान में डी.एम.सी.एच के पुराने आई.डी.एच वार्ड में आइसोलेशन वार्ड चल रहा था। वह भवन अत्यंत पुराना होने के कारण चिकित्सकों एवं मरीजों के लिए भी खतरनाक साबित हो गया था।
इस अवसर पर नगर आयुक्त घनश्याम मीणा, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता, डी.एम.सी.एच.के प्रचार्य डॉ. एच.एन झा, अधीक्षक डॉ. आर. आर प्रसाद, सिविल सर्जन डॉ. अनिल कुमार, उपाधीक्षक डॉ. बालेश्वर सागर , डॉ0 मनीभूषण शर्मा , जिला स्वास्थ्य प्रबंधक विशाल कुमार सिंह आदि मौजूद थे।