दरभंगा : जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. सदर एवं बेनीपुर अनुमण्डल क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न अंचलों में बाढ़ पूर्व तैयारी की प्रगति की समीक्षा किया गया। इस क्रम में जिलाधिकारी द्वारा क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ-साथ स्थानीय जनप्रतिनिधियों से भी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सीधे वार्ता कर उनके क्षेत्र में अवश्थित बांधों एवं तटबंधो की विगत माहों से किये जा रहे स्ट्रेंगथनिंग कार्य की अद्यतन स्थिति का फीडबैक प्राप्त किया गया।
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सभी क्षेत्रीय पदाधिकारी एवं विभिन्न जनप्रतिनिधयों के द्वारा उनके क्षेत्राधीन अवस्थित तटबंधो के कमजोर प्वाइट्स की ओर जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट किया गया। जिलाधिकारी द्वारा बैठक में उपस्थित जल निस्सरण एवं बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल के सभी कार्यपालक अभियंतागणों को क्षेत्रीय अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा ध्यान में लाये गये कमजोर बिन्दुओं की तत्काल मरम्मति कराने का निदेश दिया गया।
इसमें तारडीह प्रखण्ड अन्तर्गत कटरा में पुरानी कमला नदी पर स्लूइस गेट में रिसाव की पैकिंग कराना, सिंहवाड़ा प्रखण्ड अन्तर्गत जमींदारी बांध की स्ट्रेग्थनिंग कराना, केवटी प्रखण्ड अन्तर्गत करजापट्टी एवं लाधा तटबंध एवं हनुमाननगर प्रखण्ड अन्तर्गत बरौल फुलवरिया में बांध का मजबूतीकरण, जाले प्रखण्ड अन्तर्गत बघौल मुरैठा, सोजिया, रूपौली, सहसपुर, घोघराहा में मरम्मति कार्य कराने का अनुरोध शामिल है।
इसके साथ ही शहरी सुरक्षा तटबंध, एकमीघाट सिरनिया, मोहनपुर, ककोढ़ा, उजान घनश्यामपुर, पिण्डारूच आदि स्थलों पर अवस्थित बांधो को अत्याधिक सुरक्षा प्रदान करने की भी बातें बैठक में बताई गई।
जिलाधिकारी ने सभी संबंधित कार्यपालक अभियंतागणों को बैठक में उठाये गये स्थलों का स्वयं भ्रमण कर बांध स्ट्रेंगथनिंग कार्य शीघ्र पूरा कर फोटो सहित प्रतिवेदन समर्पित करने का निदेश दिया है ।
इन दोनों अनुमण्डलों के बाढ़ प्रवण अंचलों में बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा के क्रम में सभी अंचलाधिकारियों को नावों की पर्याप्त संख्या में उपलब्धता सुनिश्चित करके नाव मालिकों से एकरारनामा कर लेने का निदेश दिया गया है। कहा है कि जिस प्रखण्ड में नाव उपलब्ध नहीं है, वे अगल-बगल के अंचलों से समन्वय बनाकर नाव उपलब्ध करा लेंगे।
जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि नाव की सरकारी खरीद पर फिलहाल रोक लगी हुई है। इसलिए निजी नाव मालिकों से एकरारनामा करके बाढ़ /आपदा के समय उपयोग किया जायेगा।
समीक्षा में हायाघाट, सिंहवाड़ा, हनुमाननगर अंचल में पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध पाया गया। जबकि सदर एवं जाले प्रखण्डों में नाव की कमी को देखते हुए हनुमाननगर अंचल से नाव उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं मनीगाछी, तारडीह, अलीनगर एवं केवटी अंचलों को कुशेश्वरस्थान से पर्याप्त संख्या में नावें प्राप्त कर नाव मालिकों से एकरारनामा कर लेने को कहा गया है।
जिलाधिकारी ने कहा है कि सभी नाव हर दृष्टिकोण से गुणवत्तापूर्ण होने चाहिए। सभी नावों का जिला परिवहन कार्यालय से निबंधन कराना भी अनिवार्य होगा। कहा कि खराब एवं बिना निबंधन के किसी भी नाव का परिचालन नहीं होगा।
जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को अधिक संख्या में बाढ़ आश्रय स्थल का चयन कर उसमें बिजली, पानी, दरी, चादर, शौचालय, स्नानागार आदि बुनियादी सुविधाएं दुरूस्त करा लेने को कहा गया है। कहा गया है कि बाढ़ आ जाने पर बड़ी संख्या में कम्युनिटी किचन चलाने की आवश्यकता होगी। इसलिए बाढ़ प्रभावित पंचायतों में अवस्थित सभी स्कूलों में अभि ही पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न, तेल, जलावन एवं रसोईया की व्यवस्था कर लेने को कहा गया है।
वहीं सिविल सर्जन एबं सभी एमओआईसी को हाई रिस्क वाले लोंगो जिसमें बीमार व्यक्ति, बुज़ुर्ग, गर्भवती महिलाएं आदि शामिल है, की पूर्ब में सूची तैयार कर संबंधित सीओ को दे देने का निर्देश दिया गया है. साथ ही सभी पीएचसी एवं अस्पतालों में मोबाइल मेडिकल टीम का गठन कर पर्याप्त मात्रा में जीवन रक्षक दवाएं, ब्लीचिंग पॉवडर का स्टॉक हर हमेशा तैयार रखने को कहा गया है.
जिलाधिकारी द्वारा सभी जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया कि उनके द्वारा सुझाये गये सभी बातों पर कार्रवाई की जायेगी। जिला के वरीय पदाधिकारी अपर समाहर्त्ता एवं उप विकास आयुक्त को सभी एसडीओ एवं अंचलाधिकारियों से बातें करके बाढ़ पूर्व सभी तैयारियां सुनिश्चित करा लेने को कहा गया है।
इस बैठक में अपर समाहर्त्ता विभूति रंजन चौधरी, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, सहायक समाहर्त्ता प्रियंका रानी, सभी वरीय प्रखण्ड प्रभारी, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी, सिविल सर्जन, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, पंचायत स्तरीय जनप्रतिनिधि आदि सम्मिलित हुए।