डेस्क : दरभंगा जिला पदाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को स्पष्ट अल्टीमेटम दे दिया गया है कि आई.सी.डी.एस. योजना में किसी भी स्तर पर अनियमितता या गड़बड़ी पाये जाने पर दोषी पदाधिकारी एवं कर्मी के विरूद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज की जायेगी।
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उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित आँगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन में अनियमितता बरते जाने की काफी शिकायतें प्राप्त हो रही है। वहीं आँगनवाड़ी केन्द्रों में रिक्त पदों पर सेविका/सहायिका चयन में भी गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें मिली है। यहाँ तक कि सांसद/विधायक द्वारा भी आँगनवाड़ी केन्द्रों के संचालन में गड़बड़ी किये जाने की शिकायतें की गई है।
उन्होंने कहा कि समेकित बाल विकास परियोजना (आई.डी.सी.एस.) समाज के सबसे गरीब परिवार के बच्चों, किशोरियों एवं महिलाओं के पोषण एवं स्वास्थ्य स्तर में सुधार लाने के उद्देश्य से संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरते जाने पर विभाग के मूल उद्देश्य की पूर्ति नही हो पायेगी। इसलिए आई.सी.डी.एस. योजना में अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
उन्होंने कहा कि आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिए सेविका/सहायिका चयन में अनियमितता किये जाने की शिकायतों की जाँच कराई गई है। अबतक जाँच में जाले, बहेड़ी, हनुमाननगर, हायाघाट, अलीनगर परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं के विरूद्ध आरोपां की पुष्टि हुई है। जिस कारण बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जाले कविता कुमारी, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, बहेड़ी अर्चना कुमारी एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी अलीनगर/कुशेश्वरस्थान श्रीमति लक्ष्मी रानी के विरूद्ध प्रपत्र – क में आरोप पत्र गठित कर कड़ी अनुशासनिक कार्रवाई हेतु विभाग को प्रतिवेदित कर दिया गया है।
वहीं बहेड़ी की महिला पर्यवेक्षिका मनोरमा कुमारी, हनुमाननगर की महिला पर्यवेक्षिका रिंकू रानी जायसवाल का अनुबंध समाप्त कर दिया गया है। हायाघाट की महिला पर्यवेक्षिका नंद कुमारी एवं समता सिंह के 15 दिनों की वेतन की कटौती की गई है तथा अलीनगर की महिला पर्यवेक्षिका गायत्री कुमारी एवं लिपिक ब्रज मोहन झा से स्पष्टीकरण पूछा गया है। इनके स्पष्टीकरण के आधार पर कार्रवाई का निर्णय लिया जायेगा।
जिलाधिकारी ने कहा है कि आँगनवाड़ी सेविकाओं के विरूद्ध दायर परिवादों की सुनवाई के पश्चात् 07 सेविकाओं को चयन मुक्त कर दिया गया है। जिसमें जाले की मिसी कुमारी एवं सुप्रीता कुमारी, हायाघाट की अन्नु कुमारी, कृष्णा कुमारी एवं आरती देवी तथा बेनीपुर की शिल्पा कुमारी एवं रेणु कुमारी के नाम शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को आँगनवाड़ी केन्द्रों का नियमित निरीक्षण करने एवं इसके समुचित संचालन सुनिश्चित कराने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा है कि आँगनवाड़ी केन्द्रों के लिए सेविका/सहायिका के चयन में अनियमितता बरते जाने की काफी शिकायतें आ रही है। इसलिए संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी चयन प्रक्रिया का अच्छे से अनुश्रवण करें। चयन में अनियमितता होने पर महिला पर्यवेक्षिका के साथ-साथ बाल विकास परियोजना पदाधिकारी पर भी जवाबदेही तय होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना में जो भी शिकायतें प्राप्त हो रही है उन सभी की बारीकी से जाँच की जाये। इसमें गभीर प्रकृति के शिकायतों को प्राथमिकता सूची में रखी जाये।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई.सी.डी.एस.) ने बताया कि सभी परियोजनाओं में कुल 179 परिवाद प्राप्त हुआ है। इसमें से 110 परिवादों में आदेश निर्गत किया गया है। इनमें से 96 मामलों का अनुपालन करा दिया गया है। जिलाधिकारी ने लंबित वादों की सुनवाई कर इस माह में निवारण करने का निदेश दिया है। इस बैठक में सहायक समाहर्त्ता श्री विनोद दूहन, उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (आई.सी.डी.एस.) श्रीमति अलका आम्रपाली एवं अन्य बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सम्मिलित हुए। बहेड़ी एवं जाले की बाल विकास परियोजना पदाधिकारी बैठक में उपस्थित नहीं हुई। इनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है और वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है।