दरभंगा (विजय सिन्हा) : स्थानीय चंद्रधारी मिथिला विज्ञान महाविद्यालय में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उपलक्ष में ‘साइंस फॉर द पिपल एण्ड द पिपल फॉर साइंस’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस मौके पर स्रातकोत्तर रसायनशास्त्र विभाग के सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. लाल मोहन झा ने कहा कि विज्ञान और जीवन के बीच अत्यंत घनिष्ट संबंध है। विज्ञान हमें सही तरीके से जीवन जीने का ढंग सिखाता है। जिसे सही तरीके से अपनाना फायदेमंद है। जबकि यदि इसका गलत इस्तेमाल किया गया, तो वह नुकसानदेह हो सकता है। इस मौके पर महाविद्यालय के सेवानिवृत जंतु विभागध्यक्ष डॉ. आर.पी. सिन्हा ने कहा कि विज्ञान मूलत: दो चीजों पर टिका है। पहला पदार्थ और दूसरा ऊर्जा। उन्होंने बताया कि विज्ञान किसी दार्शनिक बातों पर निर्भर नहीं करता, बल्कि यह निरंतर अनेक वर्षों तक चलने वाले प्रयोगों के निष्कर्ष अथवा अवलोकन पर निर्भर करता है। डॉ. अशोक कुमार झा ने रमण प्रभाव के अनुसंधान में दरभंगा महाराजा द्वारा दिये गये महत्त्वपूर्ण योगदान की चर्चा की।
वहीं संगोष्ठी में विषय प्रवेश वनस्पति विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डॉ. संजय झा ने किया। कार्यक्रम का संचालन प्रवीण कुमार झा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अजय मिश्रा ने किया। इस मौके पर आलेख लेखन प्रतियोगिता भी आयोजन किया गया।