दरभंगा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा व्यवहार न्यायालय, दरभंगा परिसर स्थित मध्यस्थता भवन में मंगलवार को संविधान दिवस समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष राजकुमार सिंह ने की।
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समारोह को संबोधित करते हुए जिला जज श्री सिंह ने कहा कि विश्व के सभी देशों के सामाजिक व्यवस्था का संचालन संविधान के दायरे में किया जाता है। इसी परिप्रेक्ष्य में स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात 26 नवंबर 1949 (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को भारत का संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था। विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में सबसे बड़ा संविधान के माध्यम से भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य की स्थापोना की परिकल्पना साकार हुई थी। संविधान के माध्यम से हमें कुछ मौलिक अधिकार के साथ मौलिक कर्तव्य भी निर्धारित की गई थी। जरुरत इस बात की है कि हम अपने अधिकारों के साथ-साथ मौलिक कर्तव्यों का भी निर्वह्न करें।
जिला जज श्री सिंह के निर्देशन में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश अजीत कुमार सिन्हा, एडीजे मनोज कुमार द्विवेदी, हमबीर सिंह बघेल, अनायत करीम, अक्षय कुमार सिंह, उदय प्रताप सिंह, संपत कुमार, सीजेएम राजकुमार चौधरी, विनय शंकर, एसीजेएम जावेद आलम, दीपक कुमार, संजय प्रिय, प्रभातकृष्ण, अनुपम कुमारी, रोमी कुमारी, स्मिता कुमारी, गौतम कुमार, रोहित कुमार, सुधीर पासवान, संदीप कुमार सिंह, धीरीजेंद्र पातंजलि, अश्विनी कुमार सिंह, ललन रजक समेत सभी न्यायिक पदाधिकारी, न्यायालय कर्मचारी, पैनल अधिवक्ता, विधिक स्वंय सेवकों ने संविधान का प्रस्तावना पढ़कर अपने संवैधानिक मर्यादा को अक्षुण्ण रखने का संकल्प लिया।