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बहुचर्चित सहनी हत्याकांड :: पूरा सच आया सामने, हथियार भी पुलिस ने किया बरामद

डेस्क। पूर्व मंत्री और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सुप्रीमो के पिता जीतन सहनी मर्डर केस में दरभंगा पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल चाकू को बरामद कर लिया है। दरभंगा के एसएसपी जगुन्नाथ रेड्डी ने कहा कोर्ट ने 23 जुलाई को गिरफ्तार किए गए चारों आरोपियों को दो दिन की रिमांड दी थी। एसआईटी द्वारा पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार की बरामदगी के बारे में जानकारी दी थी।

 

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बुधवार की शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस में हथियार बरामदगी की जानकारी साझा करते हुए दरभंगा एसएसपी ने बताया कि चारों आरोपियों से रिमांड के दौरान पूछताछ की गई। जिसमें मुख्य आरोपी काजिम अंसारी ने स्वीकार किया कि 15 जुलाई की शाम को उसने जिरात गांव के रहने वाले मोहम्मद मंजूर से चाकू उधार लिया था। और हत्या के लिए उसने इसी चाकू का इस्तेमाल किया था। मंजूर एक दुकान चलाता है।

 

घटना के बाद काजिम ने रास्ते में ट्रांसफार्मर के पास हैंडपंप पर अपने कपड़े और चाकू धोए और फिर कपड़े घर पर रख दिए। बाद में उसने चाकू को शटर के नीचे बने गैप से मंजूर की दुकान के अंदर फेंक दिया। खुफिया जानकारी जुटाने के दौरान पुलिस को दो दिन पहले इसकी जानकारी हुई और मंजूर से इस बारे में पूछताछ की गई। हालांकि, मंजूर ने किसी भी जानकारी से इनकार किया और तथ्यों को छुपाया। रिमांड के दौरान जब काजिम अंसारी और मंजूर का आमना-सामना कराया गया, तो मंजूर ने काजिम की कही हर बात की पुष्टि कर दी।

 

मंजूर ने आगे कबूल किया कि जब उसे सुबह पता चला कि काजिम ने हत्या कर दी है और चाकू उसकी दुकान में छोड़ दिया है, तो वह डर गया और चाकू घर में छिपा दिया। उसके कबूलनामे के आधार पर चाकू उसके घर से बरामद किया गया। चाकू को फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया, जिसमें उस पर खून की मौजूदगी की पुष्टि हुई और इसे आगे की जांच के लिए जब्त कर लिया गया। पुलिस ने अब तक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें काजिम अंसारी, मोहम्मद सितारे, छोटे लहेरी और फारूक को पकड़ा है। सभी घनश्यामपुर थाना अंतर्गत जिरात के निवासी हैं।

 

15-16 जुलाई की रात जिरात गांव में हुई हत्या का खुलासा काजिम अंसारी की गिरफ्तारी से हुआ। अंसारी ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार की थी और घटनाओं का विस्तृत विवरण दिया था। उसके कबूलनामे के बाद तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद करने में पुलिस को कड़ी मेहनत करनी पड़ी।

 

अपराध के पीछे का मकसद वित्तीय संकट बताया जा रहा है। आरोपियों ने मृतक जीतन सहनी से ब्याज पर कर्ज लिया था, और चुकाने में असमर्थ थे, जिसके कारण गिरवी रखी गई जमीन को मुक्त नहीं किया जा सका। काजिम अंसारी ने जीतन साहनी से 4% की मासिक ब्याज दर पर तीन किस्तों में 1.5 लाख रुपये उधार लिए थे। कर्ज नहीं चुका पाने पर तनाव बढ़ गया। घटना वाली रात करीब डेढ़ बजे काजिम और उसके साथी पीछे के दरवाजे से घर में घुस आए।

 

उन्होंने गिरवी रखी जमीन और लोन के कागजात की मांग की। बहस शुरू हो गई, जिसके दौरान काज़िम ने गुस्से में आकर जीतन साहनी पर बार-बार चाकू से वार किया, जबकि अन्य लोग जीतन को पकड़े रहे। हत्या के बाद आरोपियों ने महत्वपूर्ण कागजात वाली अलमारी की चाबी ढूंढी लेकिन वह नहीं मिली। फिर उन्होंने पूरी अलमारी को पास के तालाब में फेंकने का फैसला किया, इस उम्मीद में कि पानी दस्तावेज़ों को नष्ट कर देगा।

 

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