Breaking News

200 वर्षों से भी पुराना लखना में काली मां का अलौकिक मंदिर जहां हर मन्नतें होती पूरी

200 वर्षों से भी अधिक पुराना है लखना का काली मां का भव्य मंदिर ।

चकरनगर-इटावा। यूं तो लखना स्थित मां कालिका का मंदिर काफी विख्यात व चर्चित है। जहां उत्तर प्रदेश सहित तमाम पड़ोसी राज्यों के लाखों श्रद्धालु प्रतिवर्ष मनौती पूरी होने पर पूजा अर्चना करने आते हैं, परंतु कस्बा लखना के भिटारी मोहल्ला स्थित काली मां का भव्य मंदिरकस्बे का सबसे पुराना मंदिर है। जहां कस्बा व क्षेत्र के हजारों लोग नवरात्रि सहित विभिन्न आयोजनों पर पूजा अर्चना करने आते हैं।

जन चर्चा के अनुसार लखना राज की महारानी लक्ष्मीबाई के कोई संतान नहीं थी तब वह इसी मंदिर में आती थी और उन्होंने काली माता से एक पुत्र की याचना कि उन्हें मां की कृपा से पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी । उनके बाद उनकी पुत्री महारानी किशोरी भी इसी मंदिर में पूजा अर्चना करने आती थी। बाद में राजा जसवंत राव ने कन्धेशी घार स्थित मां कालका के मंदिर पर जाना शुरू किया था। तब उन 1857 के बाद मां कालका मंदिर की स्थापना हुई परंतु काली जी का मंदिर दो सौ वर्षो से भी ज्यादा पुराना है।

पहले यहां एक नीम के पेड़ के नीचे छोटे से मंदिर में ही पूजा-अर्चना होती थी परंतु बाद में कस्बे के धर्म प्रेमियों व श्रद्धालुओं भक्तों के सहयोग से आज एक विशाल भव्य मंदिर बन चुका है इस मंदिर में स्थापित मां काली की मूर्ति बड़ी अलोकिक है क्योंकि अन्य स्थानों पर मां काली की जो भी मूर्तियां स्थापित हैं उनमें मां का रौद्र रूप ही दिखाई देता है परंतु यह मूर्ति अत्यंत सौम्य व वात्सल्य युक्त है और यही इस मंदिर का विशेष आकर्षण का केंद्र है । प्रत्येक वर्ष क्वार व चैत्र की नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती का निरंतर पाठ होता है तथा नवमी की रात में हवन का कार्यक्रम होता है तथा नवमी के दिन ही विशाल भंडारे का आयोजन भक्त जनों द्वारा किया जाता है। यहां आने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की सही मन से मांगी गयी मुराद मां द्वारा पूरी की जाती हैं इसलिए यहां प्रतिवर्ष भक्तों की संख्या में भारी वृद्धि होती जा रही है।

इस भव्य मंदिर के निर्माण व साज सज्जा में कस्बा वासी श्रद्धालु व भक्तजन बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं कन्या भोज के समय मां का पूरा दरबार ही कन्याओं से भर जाता है गली के अंदर होने के कारण आम भक्तों को इस मंदिर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है परंतु एक बार जो भक्त यहां आ जाता है और मां जब उसकी मुराद पूरी कर देती हैं ।तो वह हमेशा हमेशा के लिए मां का हो जाता है।

Check Also

Lekhpals protested by tying black bands and submitted a memorandum

चकरनगर तहसील में लेखपालों ने काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शित कर ज्ञापन सोंपा

चकरनगर/इटावा। उत्तर प्रदेश लेखपाल संघ की उप शाखा तहसील चकरनगर संघ के लेखपालों ने नरेंद्र …

विश्वनाथ प्रताप सिंह चौहान

जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के विश्वनाथ प्रताप सिंह जिला अध्यक्ष बनाए गए

चकरनगर/इटावा। जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) जी की …

पुलिस सब इंस्पेक्टर रीना पाण्डेय को मिलेगा नव अंशिका सर्वश्री सम्मान

उन्नाव । नव अंशिका फाउंडेशन द्वारा 29 मार्च को लखनऊ में आयोजित होने वाले ” …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *