चकरनगर/ इटावा। बीते दिवस तहसील दिवस में एक प्रार्थनापत्र प्रार्थी अजीत तिवारी के साथ हुई धोखाधड़ी के संबंध में वरिष्ठ पुलीस अधीक्षक इटावा को दिया। शिकायती पत्र में विधीपुरा निवासी एक व्यक्ति ने करीब 6 माह पहले अपनी माँ के दान पात्र में जमीन लिखी थी। उसका दाखिल खारीज नहीं हुआ था। जिसके कारण जमीन उसी व्यक्ति के नाम चली आ रही थी। वह जमीन विक्रेता ने जालसाजी़ करते हुए पुनः जिसकी रजिस्ट्री अगले फ़रीक को तहसील चकरनगर में कर दी जो अब विवाद का रूप धारण कर रही है इसलिए प्रार्थी ने मामला निस्तारण कराने हेतु व फ़र्जीवाड़े के संबंध में विक्रेता के विरुद्ध कार्यवाही हेतु प्रार्थना पत्र दिया।
ज्ञातव्य हो कि अजीत तिवारी पुत्र राम गोविंद तिवारी निवासी वसैयाहार थाना लवेदी ने शिकायत में बताया कि विपिन कुमार निवासी लवेदी व रिषी राज निवासी नगला फते, थाना लवेदी तहसील चकरनगर का निवासी है जो एक व्यवसायी है,वह प्रोपर्टी क्रय विक्रय का कार्य करता है। जितेन्द्र पाठक आरोपित का भाई से भी फोन पर बात कराई थी। सतेन्द्र पाठक ने व उसकी मां के घर जा कर भी विपीन कुमार गया था उस समय उसकी मां ने कहा था कि उसकी जमीन है। मुझे कोई आपत्ती नहीं है। ऋषी राज ने एक प्रोपर्टी बतायी थी जो की विधीपुरा में स्थित है जिसका मालीक सत्येन्द्र पाठक निवासी विद्यीपुरा है। ऋषी राज ने फोन करके बताया कि जमीन विधीपुरा में है वह बेचना चाहता है। अगर आपको लेनी है तो वताना जब मैंने उसके मालीक सत्येन्द्र पाठक (आरोपितों) ने जमीन संबंधी कुछ कागजात भी उसको दिखाये और बताया वह उस जमीन को बेचना चाहता है। पीड़ित ने दोनों व्यक्तियों की बातों पर विश्वास करते हुये विक्रेता को धन की अदायगी भी करते हुए जमीन प्रार्थी की पत्नी सुहाती शर्मा के नाम बैनामा करा लिया। बाद में वैनामा की चर्चा के बाद पता चला कि वैनामित जमीन तो पहले ही अपनी माँ के नाम दानपत्र मे लिख चुका है। जिसके बाद प्रार्थी ने तहसील जाकर जमीनी पुनः दस्तावेजों की तहकीकात की तो पता चला कि प्रार्थी के साथ जालसाजी और धोखाधड़ी की गई तो । उक्त लोगों ने जानबूझकर, जालसाजी व धोखाधड़ी करके रकम को हड़़प लिया है।पैसे माँगने पर भी आरोपी उसकी रकम वापस नहीं कर रहे हैं। और उसको गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। जिसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की गयी है। जिसकी जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी चकरनगर कर रहे हैं। अब देखना होगा कि पीड़ित को इसका न्याय कब तक और कैसे मिलता है यह अभी भविष्य के गर्त में है।