
राज प्रताप सिंह (लखनऊ ब्यूरो) :: राज्य सरकार ने कोरोना के खिलाफ जंग और मजबूती से लड़ने के लिए सांसदों की तर्ज पर विधायकों व विधान परिषद सदस्यों की निधि एक साल यानी वर्ष 2020-21 के लिए स्थगित कर दी है। इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 फीसदी कटौती भी की जाएगी। आपदा निधि को 600 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैबिनेट की बैठक कर यह फैसला किया। यूपी में पहली कैबिनेट की बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई है। इसके लिए सभी कैबिनेट मंत्रियों को पासवर्ड व लिंक दिया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड-19 को वैश्विक महामारी घोषित किया है। राज्य सरकार ने इसको ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं को और मजबूत बनाने के लिए विधायक निधि को एक साल के लिए स्थगित करने का फैसला किया है। विधायक निधिक तीन करोड़ रुपये है। विधायक निधि का यह पैसा स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ इससे जुड़ी सुविधाओं पर खर्च किया जाएगा। इसके साथ ही मंत्रियों और विधायकों के वेतन से 30-30 फीसदी कटौती का फैसला किया गया है। इस पैसे को भी कोरोना से बचाव पर खर्च किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इसके अलावा आपदा निधि 1951 में बदलाव करने का फैसला किया गया। आपदा निधि में अब तक 600 करोड़ रुपये होता था इसे बढ़ा कर 1200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।