दरभंगा (विजय सिन्हा) : कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय में ज्योतिष विभाग द्वारा सूर्यग्रहण विषय पर आयोजित व्याख्यान माला को संबोधित करते हुए आधार पुरूष राष्टÑीय संस्कृत संस्थान, भोपाल के प्रो. हंसधर झा ने कहा कि सूर्यग्रहण को वैज्ञानिक आधार पर समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सूर्य छाद्य होता है और चंद्रमा छादक। उन्होंने कहा कि इस तरह सूर्य में स्पर्श, सम्मिलन, मध्यग्रहण, उन्मीलन और मोक्ष सहित पांच स्थितियां होती हैं। इस क्रम में उन्होंने सूर्यग्रहण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीन प्रो. शिवाकांत झा ने कहा कि सूर्यग्रहण हमेशा दिन में और आमवस्या तिथि के अंत में होता है।
उक्त जानकारी जनसम्पर्क पदाधिकारी निशिकांत प्रसाद सिंह ने देते हुए बताया कि बहुउद्देशीय भवन में संपन्न हुए इस व्याख्यान माला का मंच संचालन संयोजक डॉ. वरूण कुमार झा, अतिथियों का स्वागत प्रो. हरेन्द्र किशोर झा और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विकास अंगीसर ने किया।