जालंधर(राजीव धम्मि): नरेगा कर्मचारियो द्वारा जिला स्तर पर पंजाब सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। पंजाब नरेगा स्टाफ की तरफ से एक सुझाव दिया गया जिस में कहा गया की पंजाब में मनरेगा की भर्ती 2007 से की गयी है। आज विकास का नारा लगाने वाली मोजुदा पंजाब सरकार के राज मे लगभग 70% विकास कार्य मनरेगा के अधीन हो रहे है पर जब मनरेगा कर्मचारियो को पक्का करने की बात की जाती है तो मोजुदा पंजाब सरकार द्वारा हममे केंद्र सरकार के मुलाजिम केहकर सरकार अपना पल्ला झाड़ लेती है।
नरेगा कर्मचारी यूनियन पंजाब की और से राज्ये सतरीय हड़ताल का कार्यक्रम है जोकि 18 जुलाई से 22 जुलाई तक पंजाब के हर जिले में धरने लगाने का फैंसला किया गया है जबकि 25 से 28 जुलाई तक सरपंचो और पंचो को साथ लेकर ब्लाक स्तर पर भूख हड़ताल को जायेगी और फिर 29 जुलाई को पंजाब भर के मनरेगा मजदूरो को साथ ले कर पंजाब किसे एक जिले में सरकार के विरोध में विशाल रैली को जायेगी। इस सम्बन्ध में जिला जालंधर के प्रधान की और से यूनियन की तरफ से सर्वसहमति के साथ इस कार्यक्रम की योजना बनाई गई है। इस लिए समूह स्टाफ की और से जिला हेडक्वाटर में धरना लगाया गया। कल सुबह ब्लाक जालंधर के पछमी में समूह मनरेगा स्टाफ की और धरना लगाया जायेगा।