दरभंगा : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के संगीत एवं नाट्य विभाग में शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला के दूसरे दिन प्रशिक्षुओं ने कथक में अभिनय और भाव की बारिकियों को सीखा।
इस मौके पर केएचडी जैन कॉलेज, आरा के कथक के गुरू बक्शी विकास ने बताया कि रस का सृजन भाव से होता है। उन्होंने श्रृंगार रस की ठुमरी व गुरू वंदना के साथा-साथ नवीन थाट व कृष्ण-राधा, शिव पार्वती की भाव भंगिमाओं और मुद्राओं का प्रशिक्षण दिया।
इस मौके पर स्वर संगीत मल्लिक और तबले पर संगत शिव नारायण महतो ने की।