इटौंजा/लखनऊ( राम मोहन गुप्ता ) : स्वास्थ्य विभाग के उच्च ,अधिकारियों की उदासीनता के चलते प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भरिगहना का भवन कई वर्षों से आधा अधूरा बना हुआ पड़ा है। इससे क्षेत्र के नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं ।इससे यहां के नागरिक आंदोलित हैं।
क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों तथा इस क्षेत्र के नागरिकों ने बताया कि निर्माण कार्यकारी संस्था सीएनडीएस जल निगम उत्तर प्रदेश ने 2013 में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भरिगहना के भवन का निर्माण का कार्य शुरू हुआ। सन 2016 तक इस भवन के निर्माण में ₹9000000 व्यय किए गए 3 वर्ष हो गए और आज भी यह भवन आधा अधूरा पड़ा हुआ है। इस भवन में खिड़कियों के पल्ले नदारद हैं। दरवाजों का अता पता तक नहीं है। चहारदिवारी का नामोनिशान तक नहीं है। आधा अधूरा निर्मित अस्पताल स्वास्थ्य विभाग की पोल खोल देता है। स्वास्थ्य विभाग व शासन ने बीड़ा उठाया है कि ग्रामीण इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराना पर यहां नागरिकों का बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का सपना तार-तार हो रहा है।
यहां के दर्जनों गांव स्वास्थ सुविधा पाने के लिए तरस रहे हैं।तथा इससे लगभग 20 हजार की आबादी प्रभावित हो रही है। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महिंगवां की दशा इससे भी गई गुजरी है। इस अस्पताल का भवन काफी खस्ताहाल है। जनप्रतिनिधि रामदेव तिवारी राजेंद्र सर्वेश मिश्र रामनरेश सिंह तथा अन्य नागरिकों ने बताया कि इस अस्पताल से नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मयस्सर नहीं हो रही हैं।
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जब सहारा टीम अस्पताल में 2:00 बजे पहुंची तो डॉक्टर व कर्मचारी का कहीं अता पता तक नहीं था। मात्र इस अस्पताल का गेट खुला था। इधर जब डॉक्टर से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो डॉक्टर से संपर्क नहीं हो सका। इधर सरकार व शासन का यह दावा है कि ग्रामीणों को बेहतर सुविधा बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प है। वहीं यह दावा खोखला साबित हो रहा है।