डेस्क : बिहार के नवादा जिले के काशीचक थाना क्षेत्र के भवानी बिगहा गांव में आज खुशी का माहौल है. रामचंद्र यादव के लंबे अरसे बाद पाकिस्तान से गांव वापस लौटने की खुशी स्वजनों के चेहरे पर साफ झलक रही है .
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16 साल पहले पागलपन की हालत में गांव से गायब हुए रामचंद्र यादव सीमा पार पाकिस्तान पहुंच गए और से वहीं थे. लेकिन कहते हैं न कि भगवान की मर्जी के बिना यहां कुछ नहीं होता. लंबे अरसे बाद आज रामचंद्र घर लौट रहे रहे हैं. 19 अगस्त को पाक रेंजर्स ने उन्हें बीएसएफ की 89 बटालियन को सौंपा था और आज परिजन उन्हें लेकर नवादा आएंगे.
बीएसएफ बटालियन के हेडक्वार्टर ने काशीचक थानाध्यक्ष राजकुमार से रामचंद्र यादव की डिटेल मंगाई और सुपुर्दगी के लिए परिजनों को भेजने का निर्देश दिया. थानाध्यक्ष के निर्देश पर पुत्र मिथलेश यादव , भाई इंद्रदेव यादव व पडोसी कौशल यादव शिकार मछिया हेडक्वार्टर पहुंचे और उन्हें लेकर घर आएंगे.
रामचंद्र अपने पीछे पत्नी सकुन्ती देवी , बेटा मिथलेश यादव , अखिलेश यादव और राकेश यादव तथा बेटी बेबी देवी तथा गौरी देवी को छोड़ गए थे. जिसमें चार बच्चों की शादियां हो चुकी है. पत्नी सकुन्ती देवी ने बताया कि 2004 में वे अचानक पागल की तरह करने लगे. ओझा-गुनी से लेकर डॉक्टर तक से इलाज़ कराकर थक चुके परिवार ने उन्हें संभालने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी. लेकिन एक दिन लापता हो गए औऱ पता नहीं कैसे पाकिस्तान पहुंच गए. आज उनके परिजन बेहद खुश हैं.