लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सस्ते गल्ले की दुकानों को निर्देशित किया है कि राशन कार्ड धारक जहां चाहे वहां से राशन कार्ड से राशन खरीद सकता है कोई भी सस्ते गल्ले की दुकान से कोई भी दुकानदार अंतोदय कार्ड धारक को एवं बीपीएल कार्ड धारक को मना नहीं कर पाएगा चाहे गाजियाबाद का रहने वाला कार्डधारक वाराणसी के किसी दुकानदार से राशन अनाज खरीद सकता है उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को पूरे प्रदेश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी योजना लागू कर रही है मुख्यमंत्री के सचिव आलोक कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है वहीं राज्य सरकार राष्ट्रीय स्तर पर राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी तैयारी कर रही है
राज्य सरकार ने कहा कि बाराबंकी गौतम बुद्ध नगर हापुड़ कानपुर नगर कानपुर देहात उन्नाव लखनऊ बाराबंकी मे पायलट के तहत राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी के तहत योजना लागू की गई थी जिसके तहत लगभग पांच लाख लोगों ने दूसरी दुकानों से राशन खरीदा था यह परीक्षण सफल रहने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया है पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने कहा कि इस योजना से गरीबों को लाभ काफी हद तक मिलेगा कोई भी गरीब किसान मजदूर राशन कार्ड धारक नहीं बचेगा कि जिसको रोशन कार्ड से अनाज न मिले खाद एवं रसद विभाग की कालाबाजारी भी रुकेगी और कोटेदारों की मनमानी एवं धांधले गर्दी भी नहीं हो पाएगी भारत सरकार अगले कदम के रूप में पूरे देश में राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी लागू करेगी ताकि प्रदेश का कोई भी व्यक्ति दूसरे प्रदेश में जाने पर वहां की सार्वजनिक सस्ते गल्ले की दुकान से राशन ले सकें ई पॉश मशीन के माध्यम से सत्यापित होने के बाद ही राशन दिया जा रहा है ई पॉश मशीन लागू होने के बाद 1552 करोड़ों रुपए की खाद्यान्न सब्सिडी की बचत की गई है राशन पोर्टेबिलिटी शुरू होने के बाद कोटेदारों का एकाधिकार खत्म हो जाएगा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रवक्ता मोहम्मद अकील खान ने कहा कि इससे सीधे तौर पर कार्ड धारकों को एवं गरीबों मजदूरों को काफी हद तक सुलियत एवं फायदा होगा क्योंकि गरीब आदमी रोजगार के लिए अपने शहर से दूसरे शहर में या अपने गांव से दूसरे शहर में पलायन करता है तो उसे अपने कोटे का राशन नहीं मिल पाता था पिछड़ा मुस्लिम मोमिन समाज संगठन ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ साहब को इस योजना के लिए बहुत-बहुत बधाई दी है इस तरह के कार्य यदि गरीबों मजदूरों महिलाओं के लिए किए जाते रहे तो इससे अच्छा कुछ भी नहीं है क्योंकि गरीबों को पेट भर रोटी मिल जाए और रोजगार मिल जाए यही उनकी तरक्की है ।