चारागाह की जमीन पर खड़े पेड़ों पर चल रहा आरा,प्रशासन मौन
लखनऊ।जहां एक तरफ प्रदेश सरकार चरागाह व खलिहान की सुरक्षित जमीनों पर अवैध कब्जा मुक्त कराने का ढिंढोरा पीट रही है वहीं माल विकास खंड के आबित नगर गांव में चारागाह की जमीन पर खड़े बेशकीमती शीशम के पेड़ व बबूल के पेड़ को काट कर बेच दिया गया। जिम्मेदारों को भनक तक नहीं लगी और चारागाह की जमीन पर ही कराया जा रहे हैं मकानों के निर्माण।
माल विकास खंड की पारा भदराही पंचायत के मजरे आबित नगर गांव में लगभग दर्जनों बिघा चारागाह की जमीन पड़ी हुई है जिस जमीन पर कई साल पुराने शीशम के 3 पेंट खड़े हुए थे जिनको काट कर खुलेआम बेच दिया गया वहीं बबूल के एक पेड़ को भी काट कर बेचा गया जब चारागाह की जमीन पर खड़े बेशकीमती पेड़ों को नहीं बचा पा रहे हैंऔर किसी भी जिम्मेदार की नजर तक नहीं पड़ी। सबसे बड़ी बात तो यह है 6 माह पहले इसी गांव के निवासी शेर बहादुर ने चारागाह की जमीन पर तीन मंजिला अपनी इमारत खड़ी कर दी है जबकि सरकार यह राग अलाप रहे कि अवैध कब्जा मुक्त कराया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत क्या है इसी मकान से अंदाजा लगाया जा सकता है हां अवैध कब्जे से मुफ्त तो नहीं कराया गया लेकिन नए मकानों का निर्माण कार्य जरूर कराया जा रहा है। किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को मौके पर जाने की जरूरत ही नहीं समझते हैं। इस गांव में एक भी बिस्वा चारागाह की जमीन को आज तक नहीं खाली कराया जा सका जिससे अवैध कब्जे करने वालों के हौसले बुलंद होते देखे जा रहे हैं और अपना मकान से लेकर खेतीकिसानी तक चारागाह की जमीन में कर रहे हैं।