राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि सपा-बसपा-कांग्रेस (‘सबका) सबसे बड़े दलित विरोधी हैं। मोदी सरकार ने इन वर्गों समेत सभी के लिए बिना किसी भेदभाव के विकास योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में आरक्षण प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यह बात कही। उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सरकार ने दो करोड़ परिवारों को आवास दिये।
तीन करोड़ परिवारों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली कनेक्शन दिया गया। आठ करोड़ परिवारों को उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन दिया गया। इस पर विपक्षी दलों ने ऐतराज जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विषय से हटकर बोल रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इनका असली चेहरा सामने आ गया है। इन वर्गों के विकास की बात हो रही है तो इन्हें बुरा लग रहा है।
मुख्यमंत्री कहा कि बसपा अपने साथी सपा से पूछे कि आंबेडकर और कांशीराम के नाम पर बने स्मारकों और स्थलों का नाम क्यों बदला। सपा सरकार ने तो 2016-17 में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के लिए छात्रवृत्ति नहीं दी। हमारी सरकार आयी तो हमने छात्रवृत्ति दी। भाजपा ने जाति, मत, मजहब और भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं किया।
सीएए पर विपक्ष वेल में
आरक्षण प्रस्ताव पास होने के बाद कांग्रेस की आराधना मिश्र ने सीएए व एनआरसी का विरोध करते हुए इस पर बोलना चाहा। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि लोकतंत्र को कुचला जा रहा है। पूरा प्रदेश जल रहा है। इसी के साथ ही सपा व कांग्रेस के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे।
सरकार अल्पमत में, मुख्यमंत्री इस्तीफा दें : रामगोविंद चौधरी
विपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था इतनी खराब है कि हर जगह लूट, हत्या और छिनैती की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अल्पमत में है। मुख्यमंत्री इस्तीफा दें। नेता प्रतिपक्ष ने इससे पहले कहा कि 17 अतिपिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने संबंधी प्रस्ताव इसी विधानसभा से पास कराया जाना चाहिए। जबकि कांग्रेस की आराधना मिश्रा ने कहा कि महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का प्रस्ताव विधानसभा से पास कराया जाए। बसपा के लालजी वर्मा ने कहा कि निजी क्षेत्र में अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लोगों को आरक्षण दिया जाना चाहिए। इसके लिए विधानसभा प्रस्ताव पास करके भेजे।