दरभंगा : जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एस.एम. ने जिला में पदश्थापित सभी मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारियों को उनके प्रखंड क्षेत्रान्तर्गत सभी पंचायतों में जनोपयोगी योजनाएँ शुरू करने को कहा गया है, जिसमें अधिकाधिक स्थानीय /अप्रवासी मजदूरों को रोजगार प्रदान हो ।
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उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी की रोकथाम हेतु देश भर में लागू डॉक डाउन के चलते असंगठित सेक्टर में कार्य करने वाले मजदूरों की मजदूरी बंद हो गई है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत अधिक से अधिक जनोपयोगी योजनाओं का चयन कर निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाये। इसका मुख्य उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा मानव श्रम बल का सृजन करना है ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों में थोड़ी वृद्धि हो सके। उन्होंने ये बातें कार्यालय प्रकोष्ठ में आयोजित एक बैठक में कहीं है।
जिलाधिकारी द्वारा कार्य प्रगति की समीक्षा के क्रम में सभी मनरेगा पी.ओ. को निदेश दिया गया है कि मस्टर रॉल के संधारण में पूरी पारदर्शिता बरती जाये। मनरेगा योजना के तहत अधिकाधिक स्थानीय/अप्रवासी इच्छूक मजदूरों को नया जॉब कार्ड निर्गत किया जाये। यह भी निदेशित किया गया कि अबतक जितना मानव दिवस सृजित हो चुका है, उस सबका भुगतान निश्चित रूप से इस सोमवार को कर दिया जाये। इसके साथ ही आगे से भुगतान की कार्रवाई पाक्षिक के बदले साप्ताहिक स्तर पर की जाये। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लॉक डाउन अवधि में दिनांक 20 अप्रैल 2020 से ग्रामीण आर्थिक गतिविधियाँ संचालित करने हेतु छूट प्रदान की गई है। ताकि लॉक डाउन के चलते बंद पड़े कल/कारखानों/उद्योगों के श्रमिकों को काम मिले और वे अपने जीविकोपार्जन के साधन जुटा सकें।
उन्होंने कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन प्रगति की दैनिक समीक्षा की जायेगी। मनरेगा योजना की समीक्षा में पी.ओ. जाले द्वारा बताया गया कि 1036 मजदूरों को कार्य पर लगाया गया है। वहीं पी.ओ., बेनीपुर की प्रगति अत्यंत असंतोषजनक पाया गया । जिलाधिकारी ने डीडीसी को पी.ओ., बेनीपुर से स्पष्टीकरण पूछने का निदेश दिया है।
जिलाधिकारी ने मनरेगा योजना के तहत प्राथमिकता के तौर पर तत्काल सोक पिट का निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण, आहर / पैन की उड़ाहीकरण, चेक डैम का निर्माण आदि कार्यों को करने का निदेश दिया है।
कहा है कि राज्य के बाहर से आये अप्रवासी मजदूर जो अभी स्कूल भवनों में क्वारंटाइन किये गये है, उन्हें स्कूल परिसर में ही कार्य प्रदान किया जाये। वहीं जो मजदूर क्वारंटाइन सेन्टर से घर लौट गये हैं, उन्हें भी नया जॉब कार्ड देकर कार्य दिया जाये।
इसके साथ ही विभिन्न कार्य प्रमण्डलों के अभियंताओं को भी पुल/सड़क/भवन/सिंचाई आदि परियोजनाएँ शुरू करने का निदेश दिया गया। कार्य विभाग के अभियंतागणों द्वारा मेटेरियल के ट्रांसपोर्टेशन में कठिनाई होने, बालू गिट्टी आदि निर्माण सामग्रियों की कालाबाजारी किये जाने के संदर्भ में जिलाधिकारी का ध्यान आकृष्ट किया गया।
जिलाधिकारी ने खनन विकास पदाधिकारी को बालू/गिट्टी आदि की कालाबाजारी करने वाले स्टॉकिस्टों / बिक्रेताओं के स्टॉक पर छापामारी करने एवं आपदा प्रावधानों के तहत थाने में प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया है ।
वहीं सभी कार्य विभाग के अभियंतागणों को कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेसिंग नियम का अनिवार्य रूप से पालन करने, साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखने, सभी मजदूर/कर्मियों को अनिवार्य रूप से मास्क पहने होने का निदेश दिया गया। वहीं सभी कर्मियों एवं मजदूरों की नियमित अंतराल पर पीएचसी के एमओआईसी के माध्यम से स्वास्थ्य जाँच / स्क्रीनिंग भी कराते रहने का निर्देश दिया गया.
इस बैठक में उप विकास आयुक्त डॉ. कारी प्रसाद महतो, सभी कार्य प्रमण्डलों के कार्यपालक अभियंता, जिला कृषि पदाधिकारी, डी.पी.ओ. (आई.सी.डी.एस.), जिला पंचायती राज पदाधिकारी, खनन विकास पदाधिकारी, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, डीपीएम जीविका, मनरेगा पी.ओ. आदि उपस्थित थे ।