(राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो) समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एसटीएफ जांच को लेकर भाजपा सरकार को निशाने पर लिया है। उनका कहना है कि भाजपा अपनों को बचाने व दूसरों को फंसाने की नीति पर काम कर रही है। इसकी भी एसटीएफ जांच हो। अखिलेश यादव ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि यूपी में एसटीएफ की मनमानी जाँच का खेल शुरू हो गया है, चाहे वो 69000 भर्ती मामला हो या एक नाम से अनेक नौकरी करने या पशुधन मंत्री के निजी सचिव द्वारा ठेकेदारी घोटाला या रामपुर में मो. आज़म खां की जाँच हो। भाजपा की अपनों को बचाने व दूसरों को फँसाने की नीति के लिए भी एक एसटीएफ जाँच हो।
अखिलेश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हालात मुख्यमंत्री के नियंत्रण से बाहर हो चले हैं। पुलिस तंत्र में अराजता जैसी स्थिति बन रही है तो सचिवालय भ्रष्टाचार का केन्द्र बन गया है। कोरोना के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। भाजपा राज में अब हालात सुधरने के चूंकि आसार नहीं दिख रहे हैं तो मुख्यमंत्री को प्रदेश की बेहतरी के लिए कुर्सी छोड़कर प्रस्थान कर जाना चाहिए।भाजपा के जंगलराज में पुलिस थाने अराजकता, हिरासत में मौत और बर्बर पिटाई के अड्डे बन गए हैं। पुलिस थाने के अन्दर ही एक दूसरे पर हमले की वारदात होना पुलिस व्यवस्था पर सवालिया निशान है। सबसे बड़ा घोटाला तो शिक्षक भर्ती का है। 69000 शिक्षक भर्ती का मास्टर माइंड भाजपा से जुड़ा बताया जाता है।
बेसिक शिक्षा में अनामिका और प्रियंका जैसी कितनी ही फर्जी शिक्षिकाओं की भर्ती है। खब़र है कि लखनऊ विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कालेजों में भी कुछ अनामिकाएं हैं। सचिवालय के अंदर बड़े चेहरे और बड़े अफसर भी नौकरियां और बड़े ठेके दिलाने के नाम पर लोगों को ठगने का धंधा चला रहे हैं। भाजपा मंत्रियों के स्टाफ के लोगों के इस खेल में संलिप्त रहने की पहले भी सूचनाएं थीं। सचिवालय के अन्दर एक फर्जी कार्यालय भी खुल गया और सरकार को खबर नहीं हुई।