दरभंगा : छात्र समागम जनतादल यू0 के प्रदेश उपाध्यक्ष डा0 मो0 कलाम की अध्यक्षता में आयकर चैराहे पर आरोपित प्राचार्य डा0 मुशताक अहमद का पुतला दहन कार्यक्रम मंगलवार की संध्या 4.30 बजे दर्जनों की संख्या में समागम के कार्यकत्ताओं ने किया। पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मो0 कलाम ने कहा कि डा0 मुशताक अहमद जितना भी प्रयास कर लें उन्हें हर हाल में जेल जाना ही पड़ेगा। जनता एवं छात्रों के करोड़ों रूपयें को गबन कर आज खुद को इमानदार बताते हैं जो सरासर गलत है। श्री कलाम ने कहा कि मुशताक अहमद मिल्लत काॅलेज में छात्रावास के नाम पर मोटी राशि बिना बिल्डिंग निर्माण के ही खा गए। यह व्यक्ति निलंबन के बावजूद जहाँ इन्को हाजिरी लगाना है वहाँ एक भी बार नहीं गया जिससे साबित होता है कि यह अपना राजनितिक शक्ति का प्रयोग करते हैं और विश्वविद्यालय एवं सरकार के किसी भी मामले का जम कर विरोध करते हैं।
डा0 मुशताक अहमद पर आरोप साबित होने के बाद से वह लगातार बीमारी का बहाना बनाकर मेडिकल लगाकर जाँच में रूकावट पैदा करने एवं कुलपति महोदय पर राजनितिक दबाव बनाने हेतु पटना जाते रहते हैं। जब्कि जाँच से पहले डा0 मुशताक काफी स्वस्थ थे और पूर्व में मिडिया के माध्यम से इसे सम्प्रदायिक रूप देने का भी प्रयास कर चुके हैं ताकि दो पक्षों का मामला बन जाए और इनके उपर घोटाले का चल रहा जाँच बन्द हो जाय। श्री कलाम ने मुशताक अहमद पर लहेरियासराय थाना में हुए मुकदमो अबतक गिरफतारी नहीं होने पर भी आक्रोश जताते हुए कहा कि आरोपित प्राचार्य को अविलम्ब गिरफतार किया जाय। डा0 मुशताक अहमद पहले भी इस तरह के आरोपों पर राजनितिक एवं मिडिया से जुड़े होने का दबाव बनाकर पूर्व के कुलपति पर अपना धौंस जमाया करते थे। सरकार कानून का राज स्थापित करे और डा0 मुशताक अहमद पर चल रहे जाँच को स्वतंत्र रूप से कराने एवं उन्हें जाँच में सहयोग देने पर कठोर कार्रवाई करे। मुशताक के निलंबन के बावजूद बिहार उर्दू प्रामर्शदात्री समिति के उपाध्यक्ष के पद पर बने रहना किसी प्रकार उचित नही है। इससे न केवल उक्त समिति की गरिमा पर आँच आ रही है बल्कि इससे कानून और सरकार की छवि पर भी असर पड़ रहा है। क्यांेकि इसके इस पद पर बने रहने से जाँच स्वतंत्र नहीं हो पायगा। श्री कलाम ने कहा कि बिहार राज्य उर्दू प्रामर्शदात्री समिति एक एैसी सरकारी संस्था है जो सरकार को उर्दू के विकास के लिए सुझाव और प्रस्ताव देती है और उस आलोक में सरकार उर्दू के विकास के लिए योजनाएँ बनाती हैं। पूर्व में इस समिति के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष पद को राज्य की नामी गिरामी हसतियों ने सुशोभित किया है। लेकिन इसबार ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उपाध्यक्ष पद पर मुशताक अहमद के बने रहने से उर्दू आबादी में रोष पाया जा रहा है। बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार एवं महामहिम राज्यपाल, बिहार से आवेदन के माध्यम से मुशताक अहमद को अविलम्ब पदमुक्त करने एवं स्वतंत्र जाँच की माँग की गई है। डा0 मुशताक अहमद ल0न0मि0 विश्व विद्यालय के अंगीभूत संस्था माड़वारी काॅलेज के प्राचार्य और उससे पूर्व मिल्लत काॅलेज के प्राचार्य रहे हैं। इन दोनों संस्थाओं में उनपर वित्तीय अनियमित्ताओं एवं अपने अधिकारों का गलत उपयोग करने के आरोप लगते रहे हैं तथा आंत्रिक जाँच द्वारा उक्त आरोपों को सही समझते हुए विश्व विद्यालय ने उन्हें निलंबित कर रखा है। लेकिन आश्चर्य है कि विश्व विद्यालय से निलंबन के महीनों बाद भी वह बिहार उर्दू प्रामर्शदात्री समिति के उपाध्यक्ष के पद पर आसीन हैं जिसका धौंस भी वह विश्वविद्यालय कर्मियों, कुलपित एवं समाजिक कार्यकत्ताओं को दिखाते रहते हैं। जब्कि उन्हें तत्काल प्रभाव से उक्त पद से हटाकर किसी इमानदार व्यक्ति को उपाध्यक्ष बनाना चाहिए था। तभी सरकार के भ्रष्टाचार समाप्त करने का दावा भी सही साबित होगा। अगर सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती है तो छात्र समागम पटना में भी इस मामले को लेकर आन्दोलन करेगा। पुतला दहन कार्यक्रम में आनन्द गिरी, कमलेष गिरी, राहुल गिरी, राजु यादव, मनीस यादव, राहुल सिंह, राजन सिंह, अमीत यादव, प्रिंस गिरी, आदित्य सिंह, सागर सिंहा, सत्यम सिंह, हरेकृस्ण प्रसाद, मो0 अरमान, मो0 जहाँगीर, अनुराग कुमार, वसीउल्लाह अंसारी, तारिक, सादाब आलम, मो0 गुलफाम, मो0 कलीम, मो0 आरजु, भारती सिंह, प्रषांत पासवान आदि उपस्थित थे।