चकरनगर (डॉ एस बी एस चौहान) : आवारा पशुओं के आतंक से जहां एक तरफ किसानों की नींद उड़ी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारी भी शकते में बताते चलें कि आवारा पशुओं के आतंक चलते जहां किसान की नींद उड़ी हुई है तो वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक अधिकारियों को भी मुसीबत दिखाई दे रही है। जब किसान दुखी होता है तो वह कोई ना कोई हथकंडा अपनाने पर मजबूर होता है।
थाना क्षेत्र बिठौली का गांव अनेठा जहां पर गोवंशों की सुरक्षा और परिपालन हेतु गौशाला मुकर्रर की गई थी जिसकी बाउंड्री वाल से लेकर उस का फील्ड तैयार है, लेकिन प्रशासन के द्वारा उसे चलाने की स्वीकृति नहीं दी गई थी जिसके कारण गौवंशों को बंद नहीं किया जाता था। बीते दिवस चलते गौवंश आतंक किसानों ने (प्रधान के अनुसार तो 500 गौवंश) किसानों के अनुसार करीब डेढ़ 200 गाय गौशाला में बंद कर दीं और ताला लगाकर चाबी प्रधान प्रतिनिधि प्रताप नारायण निषाद को सौंप दी यह कहते हुए कि इनकी सुरक्षा और व्यवस्था आपको देखनी है।
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जब वहां पर चाराजोई की कोई व्यवस्था नहीं थी जिसके कारण बाद में हुआ यह कि प्रधान प्रतिनिधि ने यह कहते हुए किए गोवंश चोरेला तक के लाकर बिठौली बालों ने बंद कर दिए।गौशाला में खाने पीने का कोई इंतजाम नहीं था तो उन गायों को प्रधान प्रतिनिधि ने ताला खोलकर निकाल दिया जिससे क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश व्याप्त है। प्रभावित लोगों ने विधिक कार्रवाई करने के लिए अपने पैगाम शुरू कर दिए हैं।