लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) :: राज्य के बुंदेलखंड क्षेत्र में जल संसाधन प्रबंधन की परियोजना के लिए प्रदेश सरकार व इजरायल के जल संसाधन मंत्रालय के बीच एक समझौता हुआ है। परियोजना के तहत बुंदेलखंड में इंटीग्रेटेड ड्रिप सिंचाई के जरिये जल प्रबंधन किया जाएगा। इस समझौते पर शुक्रवार को भारत में इजरायल के राजदूत डा. रान मल्का और उ.प्र.सरकार की तरफ से कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर इजराज के राजदूत ने उम्मीद जताई कि इस समझौते के जरिए बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या के समाधान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इजरायल व भारत के संबंध ऐतिहासिक व मजबूत हैं। प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने कहा कि बुंदेलखंड में जल प्रबंधन के क्षेत्र में दीर्घकालिक सुधार किए जाने के लिए प्लान आफ को-आपरेशन के जरिये इजरायल के सहयोग से इण्डिया-इजरायल-बुंदेलखंड वाटर प्रोजेक्ट पर काम होगा। इस प्रोजेक्ट को इजरायल के एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर काउंसलर डैन एल्यूफ ने विकसित किया है।
उन्होंने बताया कि झांसी में स्थिल पहुज बांध के जलाशय को परियोजना के तहत सिंचाई के लिए इण्टीग्रेटेड ड्रिप सिंचाई से युक्त किया जाएगा। परियोजना के क्रियान्वयन में आवश्यक सहयोग और क्षमता वृद्धि के लिए इजरायल के विशेषज्ञों की सलाह ली जाएगी। साथ ही नवीनतम सिंचाई तकनीक को भी परियोजना में शामिल किया जाएगा।
कृषि उत्पादन आयुक्त ने बताया कि इजरायल में आज के दिन को इण्डिया डे रूप में मनाया जाता है, ऐसे अवसर पर इस समझौते का महत्व और बढ़ गया है। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि इस परियोजना से बुंदेलखंड में किसानों से इण्टीग्रेटेड ड्रिप सिंचाई तकनीक के जरिये खेती करवायी जाएगी जिससे किसान लाभान्वित होगे। इस अवसर पर भूगर्भ जल निदेशक वी.के.उपाध्याय और इजरायल के एमएएसएचएवी एग्रीकल्चर काउंसलर डैन एल्यूफ भी मौजूद थे।