Breaking News

कोर्ट :: राम रहीम के बाद अब संत रामपाल की सजा पर फैसला आज

डेस्क : सोमवार को रोहतक जेल में सीबीआई कोर्ट ने डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को रेप के दो केस में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. वहीं मंगलवार को संत रामपाल के खिलाफ चल रहे दो केसों में हिसार कोर्ट फैसला सुनाएगा. हरियाणा के बरवाला स्थित संतलोक आश्रम संचालक संत रामपाल के खिलाफ चल रहे दो केसों में हिसार कोर्ट आज फैसला सुनाएगा. इसके मद्देनजर हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई है. बीते बुधवार को संत रामपाल के खिलाफ दर्ज FIR नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी. कोर्ट ने FIR नंबर 426 और 427 का फैसला सुरक्षित रख लिया था.

मिली जानकारी के मुताबिक संत रामपाल पर एफआईआर नंबर 426 में सरकारी कार्य में बाधा डालने और 427 में आश्रम में जबरन लोगों को बंधक बनाने का केस दर्ज है. इन दोनों मामलों में संत रामपाल के अलावा प्रीतम सिंह, राजेंद्र, रामफल, विरेंद्र, पुरुषोत्तम, बलजीत, राजकपूर ढाका, राजकपूर और राजेंद्र को आरोपी बनाया गया है.

गौरतलब है कि कबीर पंथी विचारधारा के समर्थक संत रामपाल दास देशद्रोह के एक मामले में इन दिनों हिसार जेल में बंद हैं. हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे पहले साल 2006 में भी रामपाल पर हत्या का केस दर्ज हुआ था. रामपाल स्वामी रामदेवानंद महाराज के शिष्य हैं.

कौन है संत रामपाल
संत रामपाल दास का जन्म हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में हुआ था. पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल को हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई. इसी दौरान इनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई. रामपाल उनके शिष्य बन गए और कबीर पंथ को मानने लगे.

21 मई, 1995 को रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे. उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई. कमला देवी नाम की एक महिला ने करोंथा गांव में बाबा रामपाल दास महाराज को आश्रम के लिए जमीन दे दी. 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की मदद से संत रामपाल ने सतलोक आश्रम की नींव रखी. 

2006 में स्वामी दयानंद की लिखी एक किताब पर संत रामपाल ने एक टिप्पणी की. आर्यसमाज को ये टिप्पणी बेहद नागवार गुजरी और दोनों के समर्थकों के बीच हिंसक झड़प हुई. घटना में एक शख्स की मौत भी हो गई. इसके बाद एसडीएम ने 13 जुलाई, 2006 को आश्रम को कब्जे में ले लिया. रामपाल और उनके 24 समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया. 2009 में संत रामपाल को आश्रम वापस मिल गया. उनके खिलाफ आर्य समाज के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी. 12 मई, 2013 को नाराज आर्य समाजियों और संत रामपाल के समर्थकों में एक बार फिर झड़प हुई. इस हिंसक झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 100 लोग घायल हो गए.

Check Also

Cyber Attack :: देश की साइबर सिक्योरिटी संभालने वाली टीम पर ही साइबर हमला, पाकिस्तान या चीन के हैकर्स पर शक

  डेस्क। देश की साइबर सेक्यूरिटी संभालने वाली टीम पर ही साइबर हमला हो गया। …

सृष्टि फाउंडेशन द्वारा रामस्तुति की मनमोहक प्रस्तुति

डेस्क। दरभंगा राज परिवार के युवराज कुमार कपिलेश्वर सिंह द्वारा रामनवमी के पवित्र दिन महाराज …

दरभंगा में बस एक्सीडेंट :: शोभन बाईपास पर हाइवा ट्रक से टक्कर, गड्ढे में पलटी कई जख्मी

डेस्क। बिहार के दरभंगा से बड़ी खबर आ रही है। दरभंगा में शोभन बाईपास पर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *