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छठ महापर्व :: उदयगामी सूर्य को अर्घ्य, 36 घंटे के निर्लजा उपवास का व्रतियों ने किया पारण

डेस्क : वैसे तो लोक आस्था का महापर्व छठ अब देश-विदेश में किया जाने लगा है। लेकिन, बिहार के सुप्रसिद्ध सूर्योपासना के केंद्रों पर छठ पर्व को लेकर अलग ही उत्साह का वातावरण देखने को मिलता है। चार दिवसीय महापर्व के तीसरे दिन आज शुक्रवार सूबे के अलग-अलग नदियों और जलाशयों में छठ व्रतियों ने उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। घाट पर तमाम छठ व्रती और उनके परिजन पूजा के सामान और सूप के साथ पहुंचे और इस दौरान लोक गीतों से वातावरण गुंजायमान रहा। कई छठव्रतियों ने अपने घर के छतों व दरवाजों पर कृत्रिम तालाब बना कर अपने व्रत को नियम निष्ठा से पूरा किया। 

दरअसल, सूर्य को अर्घ्य देने से पहले छठ व्रती नदियों और तालाबों में खड़े होकर भगवान भास्कर की आराधना करते हैं और तीसरे दिन सूर्यास्त के पहले पहला अर्घ्य दिया जाता है और चौथे दिन तड़के भी छठ व्रती अलग-अलग जगहों पर नदी, तालाब व अन्य जलाशयों में उदयाचलगामी सूर्य को अर्घ्य दे कर अपना व्रत समाप्त किये। उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद प्रसाद बांटे गए। 

चार दिनों का अनुष्ठान छठ

चार दिन तक चलने वाले इस आस्था के महापर्व को मन्नतों का पर्व भी कहा जाता है। इसके महत्व का इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इसमें किसी गलती के लिए कोई जगह नहीं होती, इसलिए शुद्धता और सफाई के साथ तन और मन से भी इस पर्व में शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाता है। 

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी की तिथि तक भगवान सूर्यदेव की अटल आस्था का पर्व छठ पूजा मनाया जाता है जिसकी शुरुआत मंगलवार को नहाय खाय से हुई। छठव्रतियों ने बुधवार को खरना, गुरुवार को सायंकालीन अर्घ्य देने के बाद शुक्रवार को उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण कर छठ का पारण किया।

 छठ के प्रसाद का विशेष महत्व

छठ के प्रसाद का भी विशेष महत्व है, जिसे ग्रहण करने के लिए लोग दूर-दूर से छठ व्रती के घर आते हैं. छठ व्रती सूप में ठेकुआ, सठौरा जैसे कई पारंपरिक पकवानों के साथ ही केला, गन्ना सहित विभिन्न प्रकार के फल रखकर उगते सूर्य को अर्ध्य देते हैं । चौथे और अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद छठ का समापन करते हैं जिसे पारण कहा जाता है, जिसमें व्रती 36 घंटे निर्लजा उपवास के बाद प्रसाद खाकर अन्न-जल ग्रहण करते हैं। 

मंडलकारा में भी कैदियों ने किये छठ

पूरे देश की तरह जेल के भीतर भी छठ पूजा की धूम रही। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व को लेकर जेल प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्था की थी। महिला कैदियों सहित पुरूष कैदी भी इस महापर्व को जेल के अन्दर मनाये। जेल प्रशासन के द्वारा छठ पर्व करने वाले कैदियो को पूजा और प्रसाद के सामान उपलब्ध कराये गए थे।

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