पाठशालामे मैथिली संघर्ष समिति के बैनर तले धरना में विभिन्न संगठन के प्रतिनिधियों ने लिया हिस्सा
झंझारपुर मधुबनी (डॉ संजीव शमा) : जिला मुख्यालय में समाहरणालय पर पाठशाला में मैथिली संघर्ष समिति द्वारा विशाल धरना का आयोजन किया गया। मिथिला क्षेत्र के सभी सरकारी विद्यालयों में मैथिली भाषा पढ़ाई का माध्यम बने एवं वर्ग 6 से 10 तक सभी सरकारी विद्यालयों में मैथिली अनिवार्य विषय के रूप शामिल हो ।
इस मांग को लेकर पाठशालामे मैथिली संघर्ष समिति द्वारा जिला समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय विशाल धरना दिया गया । आयोजित धरना सभा की अध्यक्षता करते हुए संघर्ष समिति के अध्यक्ष सह जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव बेचन झा ने कहा कि मैथिली पढ़ना मिथिला क्षेत्र के बच्चों का मौलिक अधिकार है, सरकार को इसे स्वीकार करना ही होगा । संघर्ष समिति के संयोजक प्रीतम कुमार निषाद ने कहा कि सरकार जब तक प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्तर तक के विद्यालयों में मैथिली की पढ़ाई आरंभ नहीं करती तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा ।
धरना सभा को संबोधित करते हुए संघर्ष समिति के सह संयोजक दिलीप कुमार झा ने बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार अपने पत्र संख्या 529 दिनांक 12/09/1973 को लागू करे । उन्होंने जानकारी देते हुए प्रेस को बताया कि इस पत्र के आलोक में मिथिला क्षेत्र में सभी प्राथमिक पाठशाला में मैथिली भाषा के माध्यम से पढ़ाई आरंभ हुई थी । परन्तु, सरकार ने षड्यंत्र के तहत प्राथमिक शिक्षा में मैथिली की पढ़ाई को बंद कर दिया गया। मिथिला के बच्चों का मौलिक अधिकार है मातृभाषा में पढ़ना इससे सरकार वंचित नहीं कर सकती है ।
मैथिल समाज रहिका के सचिव शीतलाम्बर झा ने कहा कि राजनीतिक भेदभाव को भुलाकर मैथिली भाषा के नाम पर एक मंच से आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है । उन्होंने मैथिली भाषा की मजबूती के लिए मिथिला क्षेत्र में किसी भी कार्यक्रम में हर हाल में मैथिली का प्रयोग हो । इस भाषा को जानने समझने के लिए मिथिला में पधारे गैर मैथिली भाषा मंत्री को मैथिली अनुवादक की आवश्यकता महसूस करें ।
तब जाकर हमारी मातृभाषा उचित सम्मान प्राप्त कर सकती है। साहित्य सेवी उदय जायसवाल ने कहा कि मैथिली भाषा पढ़ाई का माध्यम बने यह यहाँ के सभी वर्गों की मांग है । मैथिली सेनानी कमलेश झा ने धरना के माध्यम से सरकार से मांग कि है कि पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक मैथिली की पढ़ाई सुनिश्चित करे । विधान पार्षद सुमन कुमार महासेठ ने धरना सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर मैथिली भाषा के विकास एवं पाठशाला में मैथिली पढ़ाई का माध्यम बने इसके लिये सरकार से पुरजोर कोशिश करूंगा ।
शिक्षिका अंजली ने कहा कि मिथिला की माताएं बहने जाग चुकी है । हम सरकार को आगाह करना चाहते हैं हम अपनी मातृभाषा का हक लेकर रहेंगे । मांग को लेकर एक मांग पत्र संघर्ष समिति द्वारा जिला समाहर्ता को सौंपा गया । संघर्ष समिति द्वारा आयोजित धरना सभा में मिथिला क्षेत्र के विभिन्न जिला से पधारे प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार व्यक्त किया । धरना सभा में कई संगठन के सदस्य ने भी शिरकत किया ।
धरना सभा को प्राथमिक शिक्षक संघ के महादेव मिश्र, पूर्व विधायक रामदेव महतो, रत्नेश्वर झा, देवकांत कामति, डॉ हेमचंद्र झा, डॉ अनिल ठाकुर, डॉ संजीव शमा, उदय शंकर मिश्र, मो अमानुल्लाह खां, मलयनाथ मिश्र आदि वक्ताओं ने संबोधित किया । इस मौके पर प्रजापति ठाकुर, डॉ संजीव शमा, रेवती रमण झा, रानी झा, सुरेन्द्र मंडल, प्रदीप पुष्प, काशीनाथ झा किरण, मलयनाथ मिश्र, परीक्षण पासवान, मिहिर कुमार झा, डॉ महेंद्र नारायण राम, सतीश साजन, अरविंद प्रसाद, अमरेंद्र कुमार लाल, आनंद झा आदि उपस्थित थे ।