Breaking News

बिहार :: चीन के आर्थिक घुसपैठ पर सीयूएसबी में विषय पर परिचर्चा ।

गया( अजय कुमार) दक्षिण बिहार केंदीय विश्विद्यालय (सीयूएसबी) के अकादमिक समिति ने गया कैंपस में ‘भारत में चीन का आर्थिक घुसपैठ और भारत की प्रतिक्रिया’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया।सीयूएसबी के जन संपर्क अधिकारी (पीआरओ) मो० मुदस्सीर आलम ने बताया कि इस परिचर्चा के प्रमुख वक्ता समाज विज्ञान एवं नीति संकाय के डीन प्रोफेसर एस. एन सिंहऔर डॉ प्रणव कुमार, राजनीति अध्ययन केंद्र, समाज विज्ञान एवं नीति संकाय थे।इसकी अध्यक्षता आर्थिक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष प्रोफेसर एस. के. भौमिक ने की और संचालन अकादमिक समिति के समन्वयक डॉ हरेश नारायण पाण्डेय ने की।परिचर्चा में मुख्य कुलानुशासक प्रोफेसर कौशल किशोर, छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ सनत कुमार शर्मा, विधि संकाय के डीन प्रो संजय प्रकाश श्रीवास्तव के अलावा भारी संख्या में विश्विद्यालय के प्राध्यापकों एवं छात्रों ने भागेदारी की। चर्चा के प्रारम्भ में प्रोफेसर एस. एन. सिंह ने बताया कि चीन का आर्थिक हस्तक्षेप भारत के लिए एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने आया है।जिसके जबाव में भारत के स्वदेशी ब्रिगेड के प्रयासों का विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हम सभी को इनके प्रयासों का समर्थन करना चाहिए।उन्होंने भारत सरकार के इस दिशा में की गयी कार्यों की सराहना करते हुए छात्रों का आह्वान किया कि वो भी अपना बढ़-चढ़कर सहयोग दें।डॉ प्रणव कुमार ने बताया कि विदेश नीति गत्यात्मक होती है और अभी के सन्दर्भ में चीन भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है।उन्होंने भारत का विभिन्न देशों के साथ व्यापार के मूल्य और प्रकृति का विवेचना करते हुए बताया कि चीन की सापेक्षिक आर्थिक शक्ति भारत के तुलना में तेजी से बढ़ती जा रही है।जो लम्बे समय के लिए भारत के सुरक्षा के लिए भी चुनौती है।चीन भारत में आर्थिक घुसपैठ के लिए कई तरीके अपना रहा है, जो सैधांतिक और व्यावहारिक दोनों दृष्टिकोण से गंभीर चिंता का विषय है।डॉ कुमार ने कहा कि स्वदेशी को अपनाने के लिए इस क्षेत्र में गंभीर अध्ययन की आवश्यकता है जिसमें भारत व चीन बीच के व्यापर के प्रकृति का विश्लेषण करके प्रभावशाली रणनीति बनाया जा सके. परन्तु उन्होंने कहा कि सरकार को यह देखना चाहिए कि इसके फलस्वरूप आर्थिक लाभ कुछ हाथों तक न सीमित रह जाय।प्रोफेसर भौमिक ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि हमें यह सोचेने की जरूरत है कि भारत के बाद आजाद होने वाला चीन इतना आगे कैसे चला गया।वस्तुतः चीन ने अपने सामजिक क्षेत्र में बहुत सुधारे किये और उनकी राजनीतिक व्यवस्था अधिनायकवादी है. साथ ही साथ चीन ने जमीनी स्तर की संस्थानों को उत्पादन-इकाई के रूप में बदलने के साथ उसको बाजार दिया।वैसे तो भारत की वर्तमान सरकार इसमें जोर-शोर से लगी हुई है, परन्तु अभी बहुत कुछ करना शेष है।परिचर्चा में अध्यापकों एवं छात्रों ने भी अपने विचार व्यक्त किया।

Check Also

रेलवे Good News :: दरभंगा से नई दिल्ली समेत कई रूटो पर स्पेशल ट्रेन, जानें टाइम टेबल

डेस्क। गर्मी छुट्टी को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा समर स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है। …

अल्लपट्टी निवासी विशाल पासवान की चाकू मारकर हत्या, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ इलाका

दरभंगा। जेडीयू नेता राजेश्वर राणा उर्फ बिल्टू सिंह के करीबी अल्लपट्टी निवासी विशाल पासवान की …

आपके काम की खबर :: मतदाता सूचना पर्ची वितरण हेतु विशेष कैम्प 23 और 24 अप्रैल को, अपने बूथ से अपना मतदाता पर्ची अवश्य ले लें…

दरभंगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिला पदाधिकारी, दरभंगा राजीव रौशन के कहा कि लोकसभा आम निर्वाचन, 2024 …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *