डेस्क : वर्ष 2018 में बिहार बोर्ड ने कदाचार मुक्त प्रायोगिक परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है। बोर्ड की ओर से प्रश्नों के पैटर्न से लेकर प्रश्नपत्रों व उत्तरपुस्तिकाओं का डिजायन भी बदला जा रहा है। नया बदलाव इंटर व मैट्रिक के प्रायोगिक विषयों की परीक्षाओं के प्रारूप से जुड़ा है।
मैट्रिक में विज्ञान विषय में फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी के अलग-अलग एक्सटर्नल होंगे। इनकी प्रायोगिक परीक्षा अलग-अलग ली जाएगी। अलग-अलग लैब में परीक्षा लेने की तैयारी चल रही है। अब तक परीक्षा केंद्रों पर प्रायोगिक परीक्षा के नाम पर खानापूरी होती थी। मनमाना अंक बिठा दिया जाता था। बोर्ड ने इस बार मैट्रिक की प्रायोगिक परीक्षा के दौरान विशेष सख्ती बरतने की तैयारी की है।
इंटर के तीन संकायों में भी बदलाव : इंटर साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स संकाय की प्रायोगिक परीक्षा के स्वरूप में भी बदलाव किया जा रहा हैं। छात्रों को चार तरह के प्रारूप (प्रयोग, कियाकलाप, सतत् कार्य और मौखिक परीक्षा) से गुजरना होगा। सबके लिये अलग-अलग अंक निर्धारित किया जा सकता है।