डेस्क : सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को आये फैसले के मुताबिक देश में एक साथ तीन तलाक को जजों ने असंवैधानिक बताया है. पांच जजों की बेंच में से तीन ने ट्रिपल तलाक के खिलाफ फैसला सुनाया है. जिसके बाद देश में तीन तलाक पर रोक लगा दी गई है.
तीन जजों के मुताबिक तुरंत ट्रिपल तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक गैर कानूनी और इस्लाम के खिलाफ है. यह इस्लाम का हिस्सा नहीं है और इसलिए मुस्लिम इस तरीके से तलाक नहीं ले सकते हैं.
अब सवाल यह उठता है कि मुस्लिमों में अब तलाक कैसे होगा? भारतीय मुसलमान दो और तरीकों से तलाक ले सकते हैं : तलाक-ए-एहसन और तलाक-ए-हसना.
तलाक-ए-एहसन
एक बार में एक तलाक बोला, इसके बाद तीन महीने तक इंतजार किया. इस दौरान अगर पति-पत्नी के बीच सुलह हो जाए तो तलाक नहीं होगा. अगर सुलह नहीं हुई तो तीन महीने के बाद तलाक हो जाएगा.
तलाक-ए-हसना
पत्नी के मेंस्ट्रुअल साइकल के बाद तलाक बोला. इसके बाद अगले मेंस्ट्रुअल साइकल के बाद तलाक बोला और फिर तीसरे महीने के मेंस्ट्रुअल साइकल के बाद तलाक बोला. इस तरह तीन महीने तक लगातार तलाक बोलने के बाद तलाक हो जाएगा.