राज प्रताप सिंह, लखनऊ ब्यूरो। राजधानी लखनऊ के लोगों के लिए इस संकट की घड़ी में थोड़ी सी अच्छी खबर है। लखनऊ की पहली कोरोना मरीज की सेहत में तेजी से सुधार देखने को मिला है। गुरुवार को हुई जांच में महिला डॉक्टर में वायरस नहीं मिला है। डॉक्टरों का कहना है कि यदि दोबारा जांच में वायरस नहीं मिलता है तो उन्हें डिस्चार्ज किया जाएगा। इसके अलावा महिला डॉक्टर के संपर्क में आए युवक की सेहत में भी सुधार हो रहा है।
8 मार्च को कनाडा निवासी महिला डॉक्टर गोमती नगर में परिवारी जनों से मिलने आई थी। सर्दी जुकाम और बुखार के बाद कोरोना वायरस की जांच कराई गई। जिसमें संक्रमण की पुष्टि हुई। 11 मार्च को रिपोर्ट आने के बाद उन्हें केजीएमयू के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। तबसे उनकी निगरानी चल रही है। 3 दिन बाद महिला डॉक्टर के संपर्क में आए युवक में भी संक्रमण की पुष्टि हुई। उसे भी केजीएमयू के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है। इलाज कर रहे डॉक्टर डी हिमांशु का कहना है कि हर 24 घंटे पर दोनों मरीजों की जांच कराई जा रही है।
गुरुवार को भी दोनों मरीजों की लार, यूरिन, स्टूल, और खून की जांच का नमूना लिया गया। डॉ. डी हिमांशु के मुताबिक महिला डॉक्टर में संक्रमण नहीं मिला है। यदि 24 घंटे में दोबारा जांच में भी वायरस नहीं मिलता है तो उन्हें डिस्चार्ज करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा युवक में वायरस की मात्रा में कमी पाई गई है। उसमें सिर्फ लार में वायरस की पुष्टि हुई है।