Breaking News

संविधान :: ये हैं आपके मौलिक अधिकार, राइट टू प्राइवेसी के फैसले का होगा ये असर

डेस्क : सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विवाह, लिंग, परिवार के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारियां अब आप देने के लिए बाध्य नहीं हैं। निजी विवरण जैसे कि क्रेडिट कार्ड, सोशल नेटवर्क प्लेटफार्मों, आईटी संबंधित जानकारियां भी अब हर जगह शेयर करने को बाध्य नहीं हैं। कोर्ट के फैसले के बाद आपकी सभी जानकारियां अब संरक्षित हैं। इतना ही नहीं सभी सार्वजनिक जानकारियां, जहां आपकी गोपनीयता सुरक्षा के लिए न्यूनतम नियमों की आवश्यकता होती है, वो भी संरक्षित हैं। अब, राइट टू प्राइवेसी संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 से जुड़ गया गया है।

क्या होते हैं मौलिक अधिकार
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों को छह भागों में बांटा गया है। संविधान जब लागू हुआ था तो संविधान में सात प्रकार के मौलिक अधिकार एक नागरिक को मिले थे लेकिन संविधान के 44वें संशोधन में संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर अनुच्छेद 300A के तहत एक कानूनी अधिकार के रूप में बदल दिया गया था। अब के समय में भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों में छह अधिकार हैं, जिन्हें अनुच्छेद 12 से लेकर 35 के बीच रखा गया है। 

भारतीय संविधान में निम्नलिखित मौलिक अधिकारों को शामिल किया गया है

1. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19 से अनुच्छेद 22)- स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार भारतीय नागरिकों को बोलने, कहीं भी रहने, संघ या यूनियन बनाने और व्यापार करने का अधिकार देता है.

2. शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23 से अनुच्छेद 24) – शोषण के विरुद्ध मौलिक अधिकार बालश्रम के विरोध में और मानव तस्करी रोकने का अधिकार देता है. 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखाने में काम करने से भी रोकता है.

3. धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 25 से अनुच्छेद 28)- धर्म की स्वतंत्रता का मौलिक अधिकार धर्म को मानने, उसका आचरण और प्रचार करने की अनुमति देता है. सिक्खों को कटार रखने की अनुमति भी देता है. वहीं धार्मिक कार्यों की स्वतंत्रता के साथ ही स्कूल-कॉलेज में धर्म की उपासना करने का मौलिक अधिकार भी देता है.

4. शिक्षा और संस्कृति का अधिकार (अनुच्छेद 29 से अनुच्छेद 30)- संस्कृति और शिक्षा संबंधी मौलिक अधिकार हमे अपनी संस्कृति और भाषा को बचाए रखने का अधिकार देता है. अल्पसंख्यकों के हितों को सुराक्षित रखने और स्कूल-कॉलेज की स्थापन्ना करने के साथ ही उसके संचालन का अधिकारी भी देता है.

5. संपत्ति का अधिकार(अनुच्छेद 12 से अनुच्छेद 18)- संपत्ति का मौलिक अधिकार नागरिकों को संपत्ति अर्जित करने का अधिकार देता है.

6. संवैधानिक उपचारों का अधिकार (अनुच्छेद 32)- संवैधानिक उपचारों का मौलिक अधिकार किसी बंदी को कोर्ट के सामने पेश करने. अगर किसी सार्वजनिक पदाधिकारी के कारण किसी नागरिक के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है तो कोर्ट ऐसे मामले में दखल देता है.

Check Also

बिहार के इन जिलों में बदला मतदान का समय, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला

    डेस्क। निर्वाचन आयोग ने भीषण गर्मी के बीच मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के …

रेलवे Good News :: दरभंगा से नई दिल्ली समेत कई रूटो पर स्पेशल ट्रेन, जानें टाइम टेबल

डेस्क। गर्मी छुट्टी को लेकर भारतीय रेलवे द्वारा समर स्पेशल ट्रेन चलाया जा रहा है। …

अल्लपट्टी निवासी विशाल पासवान की चाकू मारकर हत्या, पुलिस छावनी में तब्दील हुआ इलाका

दरभंगा। जेडीयू नेता राजेश्वर राणा उर्फ बिल्टू सिंह के करीबी अल्लपट्टी निवासी विशाल पासवान की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *