लखनऊ ब्यूरो (राज प्रताप सिंह) :: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोविड-19 के मेडिकल टेस्टिंग काम को पूरी क्षमता से चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के रोजाना 1.30 लाख से अधिक जांच कराए जाएं। इसमें 85000 से अधिक रैपिड एंटीजन और 45000 से अधिक आरटीपीसीआर जांच कराई जाए। मुख्यमंत्री ने कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर, प्रयागराज, वाराणसी और बलिया में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री मंगलवार को अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा के दौरान कहा कि कोविड-19 के नियंत्रण व उपचार संबंधी विभिन्न गतिविधियों को सुचारु ढंग से चलाने में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की महत्वपूर्ण भूमिका है। बेहतर सर्विलांस ही मृत्यदर को नियंत्रित कर सकता है। इसलिए सभी जिलों में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के कार्यों की नियमित मॉनिटरिंग की जाए। कोविड अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाई जाए। कोविड अस्पतालों की चिकित्सा सुविधाओं को गुणवत्तापरक बनाए रखा जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ नियमित राउंड लेते रहें। जरूरत के आधार पर चिकित्सा के तकनीकी स्टाफ की वृद्धि की जाए।
उन्होंने चिकित्सा कर्मियों को मेडिकल संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए प्रशिक्षण लगातार जारी रखा जाए। स्वास्थ्य मंत्रालय केंद्र सरकार की ऑनलाइन ओपीडी सेवा ‘ई-संजीवनी’ अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है। बड़ी संख्या में मरीज इस सुविधा का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। इसलिए इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस ऑनलाइन ओपीडी सेवा का लाभ ले सकें। डोर-टू-डोर सर्वे कार्य में तेजी लाने के लिए जरूरत के अनुसार अतिरिक्त टीमें लगाई जाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्याप्त मात्रा में खाद की व्यवस्था की है। इसलिए किसानों को समय से खाद मिलती रहे और खाद की कालाबाजारी न होने पाए। खाद की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्यवाही की जाए। गोवंश की नस्ल सुधार का अभियान चलाया जाए। इससे उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाली मादा संतति (बछिया) होंगी, जिससे दुग्ध की उपलब्धता में वृद्धि होगी। इससे जनता व पशुपालक लाभांवित होंगे। उन्होंने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों को प्रभावी ढंग से चलाने का भी निर्देश दिया है।