डेस्क : उत्तर प्रदेश सरकार ने 17 जातियों को अनुसूचित जातियों की सूची में डाल दिया. यूपी सरकार के इस बड़े फैसले के बाद 17 जातियों को अब अनुसूचित जातियों का फायदा मिलेगा. इन जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर जैसी 17 जातियों को SC जातियों में शामिल किया गया है.राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा अधिनियम 1994 की धारा 13 के अधीन शक्ति का प्रयोग करके इसमें संशोधन किया है.

सपा और बसपा सरकारों ने भी लिया था निर्णय
बता दें पिछले करीब दो दशक से 17 अति इन पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने की कोशिशें की जा रही हैं. पूर्ववर्ती समाजवादी पार्टी और बसपा सरकारों में भी इन्हें अनुसूचित जाति में शामिल तो किया गया, लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
- इंटरनेशनल महिला दिवस पर भव्य समारोह आयोजित
- राजेश्वर राणा ने सीएम नीतीश के जन्मदिन पर दी बधाई, कहा – 2025 फिर से नीतीश
- दरभंगा में नवनिर्मित प्रेस क्लब का मंत्री महेश्वर हजारी ने किया उद्घाटन
- Career Point, Kota का दरभंगा में भव्य शुभारंभ, अब रूकेगा मिथिलांचल के बच्चों का पलायन
- नए वेराइटी व नए लुक के साथ श्री कलेक्शन शोरूम का शुभारंभ
सपा सरकार के दौरान तो 2016 में अदालत ने इस बाबत जारी किए गये राज्य सरकार के आदेश पर स्टे लगा दिया. उधर केंद्र सरकार में इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल कराने की कोशिशें जारी रही. इसके पीछे यह तर्क दिया जाता रहा कि इन सभी जातियों की सामाजिक, आर्थिक व शैक्षणिक स्थिति निम्न स्तर की हैं और ये जातियां अनुसूचित जाति की सूची में शामिल होने की सभी शर्तें पूरी करती हैं. साथ ही इन जातियों को एससी की सूची में शामिल किए जाने से वर्तमान अनुसूचित जातियों को कोई नुकसान भी नहीं होगा.
सारे कमिश्नर व डीएम को भेजा आदेश
प्रमुख सचिव समाज कल्याण मनोज सिंह की ओर से इस बाबत सभी कमिश्नर और डीएम को आदेश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में इस बाबत जारी जनहित याचिका पर पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए. इन जातियों को परीक्षण और सही दस्तावेजों के आधार पर एससी का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए.