चकरनगर (इटावा) एस. बी. एस. चौहान : कालिका मां के नाम से विख्यात, सर्राफा की नगरी कस्बा लखना स्थित सेंट्रल बैंक मैं जमा करने गए 80 हजारी धनराशि को अज्ञात लोगों ने उड़ाया। बैंक मैनेजर ने सीसीटीवी कैमरा के फुटेज भी दिखाने से किया मना। पीड़ित ने थानाध्यक्ष बकेवर को आपबीती सुनाई जिस पर उन्होंने मुकदमा अपराध संख्या 308 की धारा 380 के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना उपनिरीक्षक राम शंकर उपाध्याय के सुपुर्द की।
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उपलब्ध जानकारी के अनुसार कस्बा लखना स्थित सेंट्रल बैंक में दिनांक 22. 07.2019 को दिन के 2:30 पर अनिल कुमार पुत्र हमीर सिंह अपने खाते में ₹80000 जमा करने के लिए बैंक काउंटर पर उपस्थित हुआ। वहां पर अपना थैला रखकर जमा करने वाला फार्म दूसरे काउंटर से लेने गया और लौट कर वापस आया तो वहां पर ना थैला था और ना ही पैसे दोनों को गायब देखकर अनिल कुमार के पसीने छूट गए घबराता हुआ चारों तरफ देखा उसके बाद शाखा मैनेजर के पास पहुंचा और शिकायत की।
शिकायत के साथ निवेदन किया गया कि सीसीटीवी कैमरा को चेकअप कर लिया जाए तो पता चल जाएगा कि रुपए कौन ले गया? शाखा मैनेजर ने यह कहते हुए टेक्नीशियन आने के बाद सीसीटीवी कैमरा दिखा दिया जायेगा कई दिनों तक टालमटोल के बाद शाखा प्रबंधक ने अनिल कुमार से यह कह दिया कि जिस समय की घटना है उस समय सीसीटीवी कैमरा बंद था। दुखी होकर अनिल कुमार ने संबंधित थाना अध्यक्ष बकेवर को आप बीती सुनाई जिस पर थानाध्यक्ष ने मुकदमा अपराध संख्या 308 धारा 380 के तहत 10 अगस्त को पंजीकृत कर विवेचना उपनिरीक्षक राम शंकर उपाध्याय को दे दी। जब दूरभाष पर अनिल कुमार से पूछा गया अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही की? इस पर पीड़ित अनिल कुमार ने बताया कि इस संबंध में दो बार थाना प्रभारी महोदय के पास भी गया और अभी तक पुलिस क्या कार्यवाही कर रही है इसके बारे में कोई जानकारी हासिल नहीं हो पाई जिससे ऐसा लग रहा है कि शायद थाना पुलिस कहीं गुमराह तो नहीं हो गई क्योंकि दर्ज एफआइआर में अनिल कुमार ने यह भी दर्शाया है कि इस कार्य में बैंक कर्मी भी शामिल हो सकते हैं इसलिए मामले को दबाने की कोशिश की जा रही हो, लेकिन इसके बाद फिर भी पीड़ित ने बताया की थानाध्यक्ष महोदय ने बगैर किसी दबाव के हमारे मामले को थाना हाजा पर पंजीकृत किया है तो वह जरूर कोई ना कोई हमें न्याय दिलाने के लिए कार्यवाही करेंगे। अब यहां पर जांच का विषय यह बन रहा है कि यदि सीसीटीवी कैमरे के फुटेज निकलवाने के बाद मामले का पर्दाफाश यानी घटना का उजागर होना मामूली सी बात होगी और यदि सीसीटीवी कैमरा घटना के समय बंद बताया जा रहा है तो इसमें स्टाफ की कोई ना कोई साजिश हो ना भी संदेह के घेरे में है।